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Year Ender 2021: अरब सागर में भारत-फ्रांस की नौसेना ने दिखाई अपनी ताकत, वरुण-2021 पर चीन की नजर

अप्रैल में भारत और फ्रांस की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय अभ्यास ‘वरुण-2021’ के 19वें संस्करण की शुरुआत हुई थी। दोनों नौसेनाओं के बीच यह अभ्यास अरब सागर में 27 अप्रैल तक चला था। यह अभ्यास दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच तालमेल और सहयोग के लिहाज से बेहद उपयोगी रहा।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 25 Dec 2021 07:03 PM (IST)Updated: Sat, 25 Dec 2021 07:05 PM (IST)
Year Ender 2021: अरब सागर में भारत-फ्रांस की नौसेना ने दिखाई अपनी ताकत, वरुण-2021 पर चीन की नजर
अरब सागर में भारत-फ्रांस की नौसेना ने दिखाई अपनी ताकत, वरुण-2021 पर चीन की नजर।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। 25 अप्रैल से भारत और फ्रांस की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय अभ्यास ‘वरुण-2021’ के 19वें संस्करण की शुरुआत हुई थी। दोनों नौसेनाओं के बीच यह अभ्यास अरब सागर में 27 अप्रैल तक चला था। यह अभ्यास दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच तालमेल और सहयोग के लिहाज से बेहद उपयोगी रहा। यह उच्च स्तरीय नौसेनिक अभ्यास हिन्द महासागर में चीन की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए बेहद महत्‍वपूर्ण माना गया। भारत और फ्रांस के संबंध विशेष तौर पर आतंकवाद, रक्षा, परमाणु और अंतरिक्ष जैसे मुद्दों पर पारंपरिक रूप से काफी अच्छे रहे हैं।

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1- इस अभ्यास में भारतीय नौसेना की तरफ से गाइडेड मिसाइल स्टील्थ डिस्ट्रायर आइएनएस कोलकाता, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट्स आइएनएस तारक, आइएनएस तलवार, फ्लीट सपोर्ट शिप आइएनएस दीपक और चेतक इंटी ग्रेटेड हेलीकाप्टर, कलवरी क्लास पनडुब्बी और पी8आइ लांग रेंज मैरीटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट शामिल होंगे। इसी तरह फ्रांसीसी नौसेना की ओर से विमानवाहक पोत चार्ल्स-डी-गाले का राफेल-एम फाइटर जेट्स और ई 2 सी हाकी विमान, शेवेलियर पाल, एक्विटेन-क्लास मल्टी-मिशन फ्रिगेट प्रोवेंस और टैंकर शामिल हुए। भारतीय पक्ष का नेतृत्व पश्चिमी कमान के फ्लैग आफिसर रियर एडमिरल अजय कोचर करेंगे जबकि फ्रांसीसी पक्ष का नेतृत्व टास्क फोर्स 473 के कमांडर रियर एडमिरल मार्क औसादत कर रहे थे।

2- तीन दिवसीय अभ्यास में समुद्र में उच्च गति के नौसेना-संचालन का प्रदर्शन हुआ, जिनमें उन्नत वायु रक्षा और पनडुब्बी-रोधी अभ्यास, तीव्र निश्चित और रोटरी विंग उड़ान संचालन, सामरिक युद्धाभ्यास, सतह और वायु-रोधी हथियार फेरिंग, भूमिगत प्रतिकृति और अन्य समुद्री सुरक्षा संचालन शामिल थे। दोनों नौसेनाओं की इकाइयों ने समुद्री क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत बल के रूप में अपनी क्षमता प्रदर्शित करने के साथ ही अपने युद्ध-लड़ने के कौशल को बढ़ाने का भी प्रयास किया। इससे पहले भारतीय और फ्रांसीसी नौसेनाओं ने अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया की नौसेनाओं के साथ 5 अप्रैल से 7 अप्रैल के बीच बंगाल की खाड़ी में ‘ला पेरेस’ अभ्यास में भाग लिया था।

3- ‘वरुण-2021’ अभ्यास पूरा होने के बाद भारतीय नौसेना की निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तारक 28 अप्रैल से 1 मई, 2021 तक फ्रांसीसी नौसेना के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) के साथ अभ्यास किया। इस अवधि के दौरान आइएनएस तारक फ्रांसीसी सीएसजी के साथ उन्नत सतह, पनडुब्बी रोधी और वायु-रक्षा कार्यों में भाग लिया। वरुण-21 दो मैत्रीपूर्ण नौसेनाओं के बीच तालमेल, समन्वय और अंतर-संचालन के स्तर को बढ़ाने के साथ ही दोनों देशों की नौसेनाओं के साझा मूल्यों को आगे बढ़ाने में कारगर साबित हुआ। यह अभ्यास समुद्र की स्वतंत्रता, समावेशी इंडो-पैसिफिक और एक नियम-आधारित अंतर राष्ट्रीय आदेश के प्रति प्रतिबद्धता सुनिश्चित करता है।

4- नौसेना प्रवक्ता के मुताबिक यह उच्च स्तरीय नौसेनिक अभ्यास हिन्द महासागर में चीन की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए बेहद महत्‍वपूर्ण था। भारत और फ्रांस के संबंध विशेष तौर पर आतंकवाद, रक्षा, परमाणु और अंतरिक्ष जैसे मुद्दों पर पारंपरिक रूप से काफी अच्छे रहे हैं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच कुल तीन सैन्य अभ्यास आयोजित किए जाते हैं, जिनमें अभ्यास वरुण (नौसेना), अभ्यास गरुण (वायुसेना) और अभ्यास शक्ति (थल सेना) हैं।


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