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नेताजी सुभाष चंद्र बोस का सदैव आभारी रहेगा देश, जर्मनी में भारतीय कंसुल जनरल ने दी श्रद्धांजलि

Netaji SubhashChandra Bose Jayanti म्युनिख में भारतीय कंसुल जनरल मोहित यादव ने आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके योगदान को भारत कभी नहीं भूलेगा और हमेशा आभारी रहेगा।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 03:31 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 03:31 PM (IST)
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का सदैव आभारी रहेगा देश, जर्मनी में भारतीय कंसुल जनरल ने दी श्रद्धांजलि
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर दी जा रही श्रद्धांजलि

म्युनिख, एएनआइ। जर्मनी  में भारत के कंसुल जनरल मोहित यादव ने शनिवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद किया और कहा, 'वे अपने देशवासियों की प्रगति और भलाई के लिए खड़े हुए। भारत उनकी बहादुरी और औपनिवेशिकता को रोकने में उनके  अमिट योगदान के लिए हमेशा आभारी रहेगा।' उन्होंने कहा, '125 साल पहले भारत के बेटे का जन्म हुआ था। वे बहादुर स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। भारत को आजादी दिलाने वाले वे एक महान शूरवीर थे। 

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भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख चेहरों में से एक सुभाष चंद्र बोस की 125 जयंती को 'पराक्रम दिवस' के तौर पर मनाया जा रहा है। यह जानकारी संस्कृति मंत्रालय की ओर से दी गई। 23 जनवरी 1897 को ओडीशा के कटक में एडवोकेट जानकीनाथ बोस (advocate Janakinath Bose) के घर नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म हुआ था। उन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी। बता दें कि नेताजी की मौत पर विवाद है। उनका देहांत 18 अगस्त 1945 को ताइपेइ (Taipei) में हुआ था। 

 मोहित यादव ने कहा कि कंसुलेट जनरल के पास यहां नेताजी का पोट्रेट है जो उस समय का है जब वे जर्मनी में थे। बता दें कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति ने कहा नेताजी हमारे सबसे अधिक प्यारे देश के साहसी वीरों में से एक हैं जिन्होंने देश के स्वतंत्रत संग्राम में बड़ा योगदान किया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष के मौके पर आयोजित कई कार्यक्रमों का उद्घाटन किया और इसमें शामिल हुए।

प्रधानमंत्री मोदी ने नेताजी की चिट्ठियों से जुड़ी एक किताब का भी विमोचन किया। साथ ही इस मौके पर उनके द्वारा एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया गया। नेताजी की थीम पर आधारित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम 'आमरा नूतन जिबनेरी' भी आयोजित किया गया।


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