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COVID-19: दुनिया में सबसे बड़ी है भारत की वैक्‍सीनेशन ड्राइव, रेटिंग एजेंसी Fitch ने की सराहना

भारत में कोविड-19 संक्रमण के मामले 1 करोड़ से अधिक हो गए हैं। लोगों के बीच अब वैक्‍सीन के आने के इंतजार हो रहा है। इस बीच फिच सॉल्‍यूशंस कंट्री रिस्‍क एंड इंडस्‍ट्री रिसर्च ने वैक्‍सीन के उत्‍पादन से लेकर खरीद तक में भारत की अहम भूमिका बताई है।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 12:12 PM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 12:12 PM (IST)
COVID-19: दुनिया में सबसे बड़ी है भारत की वैक्‍सीनेशन ड्राइव, रेटिंग एजेंसी Fitch ने की सराहना
कोविड-19 वैक्‍सीन की प्रक्रिया में भारत की अहम भूमिका

सिंगापुर, एएनआइ। चाहे कोविड-19 वैक्‍सीन के उत्‍पादन की बात हो या फिर इसे लेने की, दोनों ही मामलों में भारत दुनिया के अन्‍य देशों की तुलना में भारत सबसे आगे है। देश ने एस्ट्राजेनेका, नोवावैक्स, और गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैकसीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के लिए मंजूरी ली है। यह जानकारी फिच सॉल्‍यूशंस कंट्री रिस्‍क एंड इंडस्‍ट्री रिसर्च ने सोमवार को दी।  

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इसके अनुसार, वैश्‍विक कोविड-19 वैक्‍सीन में भारत की भूमिका काफी अहम होगी। दुनिया में वैक्‍सीन की निर्माण की जहां तक बात है तो भारत के पास इसकी क्षमता अन्‍य देशों की तुलना में सबसे अधिक है। इस क्रम में फिच ने भारत के वैक्‍सीन निर्माता सीरम इंस्‍टीट्यूट का जिक्र किया। 

एक अरब से अधिक जनसंख्‍या वाले भारत देश में हर किसी को वैक्सीन मुहैया कराना बड़ी चुनौती होगी। रेटिंग एजेंसी फिच ने आगे कहा, 1.3 बिलियन की जनसंख्‍या में से 94 बिलियन लोग 65 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। इसे देखते हुए यह स्‍पष्‍ट है कि देश भर में चलाई जाने वाली वैक्‍सीनेशन ड्राइव दुनिया में सबसे बड़ी होगी।  पोलियो और हैजा जैसी अनेक बीमारियों के लिए यहां अब तक वैक्‍सीनेशन की प्रक्रिया चलाई जाती है और इसलिए देश में वैक्‍सीन को लेकर अब तक रिकॉर्ड बेहतर रहा है। 

भारत में कोविड-19 वैक्‍सीन अगले साल की पहली तिमाही में शुरू होगी। जिसमें सबसे पहले हेल्‍थकेयर वर्करों और 50 साल से अधिक उम्र वालों को वैक्‍सीन दी जाएगी।  6-8 महीने में कुल 250 मिलियन लोगों को वैक्‍सीन लगाने के सरकार के लक्ष्‍य को फिच ने बुलंद हौसला करार दिया। 

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन ने भी आज यह दावा किया कि देश के 260 जिलों में 20,000 से अधिक लोगों को वैक्‍सीन देने के लिए ट्रेनिंग दी जा चुकी है। कोरोना वैक्‍सीन के स्‍टॉक और टीकाकरण को ट्रैक करने के लिए Co-WIN नाम के प्‍लेटफॉर्म को भी पिछले चार महीनों के दौरान विकसित किया गया। इस बीच उन्‍होंने पोलियो उन्‍मूलन कार्यक्रम का भी उदाहरण दिया।


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