UNSC Elections: परिषद में अस्थायी सदस्यता के लिए भारत की जीत पक्की
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 17 जून बुधवार को 2021-22 टर्म के लिए अध्यक्ष समेत पांच अस्थायी सदस्यों का चुनाव किया जाना है जिसके लिए भारत का नाम भी रेस में शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। सुरक्षा परिषद के चुनाव (Council elections) में भारत की जीत निश्चित है। इस जीत के बाद संयुक्त राष्ट्र में 2021-22 के लिए भारत को अस्थायी सदस्यता मिल जाएगी। 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र आम सभा में असेंबली के 75वें सत्र के लिए अध्यक्ष व सुरक्षा परिषद परिषद के पांच अस्थायी सदस्यों के अलावा आर्थिक व सामाजिक परिषद के सदस्यों का चुनाव किया जाएगा।
15-देशों वाले सुरक्षा परिषद में शामिल होने को लेकर भारत पूरी तरह तैयार है। 2021-22 के लिए एशिया-पैसिफिक कैटेगरी से अस्थायी सीट के लिए उम्मीदवार की लिस्ट में भारत शामिल है। पिछले साल जून में भारत की अस्थायी सदस्यता को चीन और पाकिस्तान समेत 55 सदस्यीय एशिया-पैसिफिक ग्रुपिंग की ओर से समर्थन दिया गया है।
संयुक्त राष्ट्र आम सभा के अध्यक्ष तिज्जानी मोहम्मद बंदे (Tijjani Muhammad-Bande) ने सोमवार को सदस्य देशों के बीच एक पत्र वितरित किया जिसमें विभिन्न चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नाम थे। भारत 2021-22 के कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र से अस्थायी सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार है। भारत की जीत इसलिए भी सुनिश्चित है, क्योंकि क्षेत्र की एकमात्र सीट के लिए वह अकेला उम्मीदवार है। अफ्रीकी और एशिया-प्रशांत देशों के बीच की दो रिक्त सीटों के लिए जिबूती, भारत और केन्या दावेदार हैं। इन तीन उम्मीदवारों में से भारत और केन्या समर्थित उम्मीदवार हैं। जबकि दक्षिणी अमेरिकी और कैरेबियन देशों के लिए रिक्त एक खाली सीट के लिए मैक्सिको का समर्थन किया गया है। वहीं पश्चिमी यूरोप और अन्य देशों के बीच की दो रिक्त सीटों के लिए कनाडा, आयरलैंड और नार्वे ने अपनी दावेदारी जताई है।
बता दें कि क्षेत्रीय आधार पर अस्थाई सीटों का वितरण किया जाता है। 10 अस्थाई सीटों का वितरण क्षेत्रीय आधार पर किया जाता है। इसमें एशियाई और अफ्रीकी देशों के लिए पांच, पूर्वी यूरोपीय देशों के लिए एक, दक्षिण अमेरिकी और कैरेबियन देशों के लिए दो और पश्चिमी यूरोपीय और अन्य देशों के लिए दो सीटें निर्धारित की गई हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने बताया,' परिषद में भारत की मौजूदगी दुनिया में वसुधैव कुटुंबकम की धारणा को मजबूत करेगी।'