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नेपाल के पुनर्निर्माण में बड़ी भूमिका निभा रहा भारत, संस्थानों के कायाकल्प के लिए दी मदद

वर्ष 2015 में आए भीषण भूकंप के बाद नेपाल के पुनर्निर्माण में भारत बड़ी भूमिका निभा रहा है। पड़ोसी देश में शिक्षा क्षेत्र की परियोजनाओं के पुनर्निर्माण के लिए भारत ने 50 मिलियन डालर (करीब 371 करोड़ रुपये) की मदद की है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 08:30 PM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 08:30 PM (IST)
नेपाल के पुनर्निर्माण में बड़ी भूमिका निभा रहा भारत, संस्थानों के कायाकल्प के लिए दी मदद
वर्ष 2015 में आए भीषण भूकंप के बाद नेपाल के पुनर्निर्माण में भारत बड़ी भूमिका निभा रहा है।

 काठमांडू, प्रेट्र। वर्ष 2015 में आए भीषण भूकंप के बाद नेपाल के पुनर्निर्माण में भारत बड़ी भूमिका निभा रहा है। पड़ोसी देश में शिक्षा क्षेत्र की परियोजनाओं के पुनर्निर्माण के लिए भारत ने 50 मिलियन डालर (करीब 371 करोड़ रुपये) की मदद की है। इसके एक हिस्से के रूप में कावरेपालनचौक जिले में पुनर्निर्मित छह स्कूलों का बुधवार को लोकार्पण किया गया। इसी जिले में खोपासी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भूमिपूजन भी किया गया। भारत ने नेपाल के 132 स्वास्थ्य केंद्रों के पुनर्निर्माण के लिए भी 50 मिलियन डालर की मदद दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (उत्तर) अनुराग श्रीवास्तव ने कावरेपालनचौक-2 के सांसद गोकुल प्रसाद बासकोटा, कावरेपालनचौक-1 के सांसद गंगा बहादुर तमांग व राष्ट्रीय पुनर्निर्माण प्राधिकरण (नेपाल) के कार्यकारी सदस्य ध्रुब प्रसाद शर्मा के साथ संयुक्त रूप से इन स्कूलों का उद्घाटन किया।

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इस अवसर पर श्रीवास्तव ने कहा कि ये छह स्कूल नेपालियों के पुनर्निर्माण संबंधी उत्साह व क्षमता के उदाहरण हैं और भारत नेपाल के विकास में साझेदार बनकर सम्मानित महसूस कर रहा है। भारतीय दूतावास की तरफ से जारी बयान के अनुसार, 'इन छह स्कूलों का निर्माण भारत सरकार की मदद से कुल 197 मिलियन नेपाली रुपये (करीब 12.33 भारतीय रुपये) से किया गया है।' नेपाल में अब तक 14 स्कूलों का निर्माण पूरा हो चुका है और 56 का काम जारी है। भारत ने नेपाल में आवास, शिक्षण संस्थान, अस्पताल और सांस्कृतिक विरासतों के पुनर्निर्माण के लिए 250 मिलियन डालर की मदद का एलान किया है।


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