Move to Jagran APP

जलवायु परिवर्तन का एशियाई देशों पर असर, 2023 में Heatwave से भारत में 2 माह के भीतर हुई 100 से अधिक मौतें; रिपोर्ट में खुलासा

संयुक्त राष्ट्र ( UN ) की सर्वाधिक आपदा प्रभावित क्षेत्रों को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है। इसके अनुसार 2023 में एशिया मौसम जलवायु और पानी संबंधी खतरों से दुनिया के सबसे अधिक आपदा प्रभावित क्षेत्रों में से एक था । भारत समेत एशिया के कई देश लू ( Heatwave ) से भी प्रभावित रहे। भारत में अप्रैल और जून में भीषण लू के परिणामस्वरूप लगभग 110 मौतें हुईं ।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Published: Tue, 23 Apr 2024 08:06 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2024 08:06 PM (IST)
जलवायु परिवर्तन का दिखा एशियाई देशों का असर (Image; Reuters)

एएनआइ, जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की सर्वाधिक आपदा प्रभावित क्षेत्रों को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है। इसके अनुसार, 2023 में एशिया मौसम, जलवायु और पानी संबंधी खतरों से दुनिया के सबसे अधिक आपदा प्रभावित क्षेत्रों में से एक था।

loksabha election banner

भारत समेत एशिया के कई देश लू से भी प्रभावित रहे। बैंकाक में यूएन एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की ओर से मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ और तूफान के कारण एशिया में सबसे ज्यादा मौतें हुईं और आर्थिक नुकसान हुआ है। यहां लू का प्रभाव और अधिक गंभीर पाया गया।

अप्रैल और जून में भीषण लू से 110 मौतें

2023 में एशिया में 80 प्रतिशत से अधिक बाढ़ और तूफान की घटनाएं हुईं। द स्टेट आफ द क्लाइमेट इन एशिया 2023 नामक रिपोर्ट के मुताबिक, गर्मी में लंबे समय तक चलने वाली लू ने दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया को प्रभावित किया। भारत में अप्रैल और जून में भीषण लू के परिणामस्वरूप लगभग 110 मौतें हुईं।

पिछले वर्ष एशिया के ज्यादातर हिस्सों में भीषण गर्मी रही। जबकि 2023 में तुरान तराई क्षेत्र में (तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाखस्तान), हिंदू कुश (अफगानिस्तान, पाकिस्तान), गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों के निचले हिस्से (भारत और बांग्लादेश) समेत एशिया के कई क्षेत्रों में कम वर्षा हुई। जबकि पिछले साल जुलाई और अगस्त में भारी मानसूनी वर्षा के कारण भारत में भूस्खलन भी हुए थे।

यह भी पढ़ें: Germany: चीन को दे रहे थे खुफिया जानकारी, संदेह में जर्मन ईयू सांसद का सहयोगी गिरफ्तार

यह भी पढ़ें:  Rwanda Deportation Bill: ब्रिटिश संसद से रवांडा निर्वासन विधेयक को मंजूरी, प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को मिली राहत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.