महिलाओं के खिलाफ हिंसा की पोप फ्रांसिस ने की निंदा, बोले- होता है ईश्वर का अनादर
पोप फ्रांसिस ने महिलाओं का शोषण बंद करने की अपील करते हुए कहा कि महिलाओं पर होने वाली हर हिंसा से ईश्वर का अनादर होता है।
वेटिकन सिटी, रायटर। पोप फ्रांसिस ने नए साल के अपने पहले संदेश में आधुनिक समाज में महिलाओं पर होने वाली हिंसा की घोर निंदा की है। उन्होंने दुनिया की इस आधी आबादी का शोषण बंद करने की अपील करते हुए कहा, 'महिलाओं पर होने वाली हर हिंसा से ईश्वर का अनादर होता है।'
पोप ने बुधवार को सेंट पीटर्स बेसिलिका में हजारों लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, 'किस तरह एक महिला के शरीर का विज्ञापन, लाभ और पोर्नोग्राफी के लिए शोषण किया जाता है। महिला के शरीर को उपभोक्तावाद से मुक्त किया जाए। उनका सम्मान किया जाना चाहिए।'
शरणार्थियों का मुद्दा उठाया
महिला अधिकारों की वकालत करने वाले पोप ने नए साल के संदेश में भी शरणार्थियों का मुद्दा उठाया। उन्होंने क्रिसमस पर अपने सालाना संदेश में शरणार्थियों की दशा की ओर दुनिया का ध्यान खींचा था। उन्होंने सभी देशों से उन शरणार्थियों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने और उन्हें गले लगाने की अपील की थी, जो संघर्ष, सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल के साथ ही अन्याय या प्राकृतिक आपदाओं के चलते विस्थापित हुए हैं। उन्होंने पश्चिम एशिया, वेनेजुएला और लेबनान में जारी संकट के समाधान के साथ ही सशस्त्र संघर्ष से जूझ रहे अफ्रीकी देशों में अराजकता के अंत की कामना की थी।
महिला से गुस्सा हुए पोप
वहीं इससे पहले पोप फ्रांसिस का एक वीडियो सामने आया। मंगलवार को पोप फ्रांसिस सेंट पीटर स्क्वायर में लोगों से मिल रहे थे। तभी भीड़ में मौजूद एक महिला ने उनका हाथ पकड़ लिया। पोप को थोड़ा गुस्सा आ गया और उन्होंने महिला का हाथ झटक दिया।
क्यों आया गुस्सा
बता दें कि पोप वहां मौजूद बच्चों से हाथ मिला रहे थे, जैसे ही वह भीड़ से दूर चलने लगे, एक महिला ने उनका हाथ पकड़ लिया और उन्हें खिंचा। महिला के इस व्यवहार से पोप थोड़ा गुस्सा में आ गए। उन्होंने महिला का हाथ झटकते हुए उसके हाथ पर जोर से मारा और वहां से चले गए। वहां मौजूद लोग भी इस पूरे घटनाक्रम को देखकर हैरान हो गए।