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रेल नेटवर्क में क्रांति : प्रदूषण कम करने के लिए जर्मनी में हाइड्रोजन गैस से चलेगी ट्रेन

हाइड्रोजन गैस से चलनी वाली ट्रेन आने वाले समय में रेल नेटवर्क में एक क्रांति लेकर आएगी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 07:07 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 07:26 PM (IST)
रेल नेटवर्क में क्रांति : प्रदूषण कम करने के लिए जर्मनी में हाइड्रोजन गैस से चलेगी ट्रेन
रेल नेटवर्क में क्रांति : प्रदूषण कम करने के लिए जर्मनी में हाइड्रोजन गैस से चलेगी ट्रेन

बर्लिन, जेएनएन। बढ़ते प्रदूषण से पूरी दुनिया परेशान है। इसको कम करने के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं। इसी कड़ी जर्मनी ने हाइड्रोजन गैस से चलनी वाली ट्रेन "हाइडरेल" की शुरुआत की है। इससे प्रदूषण कम होगा इसलिए इस ट्रेन को इको-फ्रेंडली कहा गया है। यह ट्रेन आने वाले समय में हाइड्रोजन ट्रेन के रूप में रेल नेटवर्क में एक क्रांति लेकर आएगी। यह शुरुआत में 100 किलोमीटर की दूरी तय करेगी इस बीच यह कस्बा और शहरों कक्सहैवन, ब्रेमरहेवन से गुजरेगी।

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फ्रांस की मल्टीनेशनल कंपनी अलस्टॉम ने इस ट्रेन को तैयार किया है। पिछले मार्च से जर्मनी में ट्रेन के कई चरणों वाले परीक्षण हो रहे है। फ्रांसीसी कंपनी अलस्टॉम के येंस स्प्रोटे का कहना है कि नई ट्रेन पारंपरिक डीजल इंजन की तुलना में 60 फीसदी कम शोर करती है। यह पूरी तरह उत्सर्जन मुक्त है। इसकी रफ्तार और यात्रियों को ले जाने की क्षमता भी डीजल ट्रेन की तरह है। यह ट्रेन पर्यावरण की समस्या को ध्यान में रखते हुए कम कीमत पर यात्रा करवाने के लिए ही तैयार की गई है।

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किस तकनीक का होता है इस्‍तेमाल 
हाइडरेल डीजल इंजन जैसी तकनीक का इस्तेमाल करती है, फर्क सिर्फ इंजन की बनावट और ईंधन का है। ट्रेन में डीजल की जगह फ्यूल सेल, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन डाले जाते हैं। ऑक्सीजन की मदद से हाइड्रोजन नियंत्रित ढंग से जलती है और इस ताप से बिजली पैदा होती है। बिजली लिथियम आयन बैटरी को चार्ज करती है और ट्रेन चलती है। इस दौरान धुएं की जगह सिर्फ भाप और पानी निकलता है।

एक बार में 1000 किमी करती है यात्रा 
जर्मनी के पांच राज्य फ्रांसीसी कंपनी से 60 ट्रेनें खरीदना चाहते हैं। दो डिब्बों वाली एक ट्रेन को एक फ्यूल सेल और 207 पाउंड के हाइड्रोजन टैंक की जरूरत होगी। एक बार हाइड्रोजन गैस से टैंक फुल करने पर लगभग 1000 किलोमीटर (621 मील) का सफर तय कर सकती है और वो भी 140 किलोमीटर प्रति घंटे (87 मील प्रति घंटे) की अधिकतम स्पीड पर।

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जर्मनी में फिलहाल 4,000 डीजल ट्रेनें हैं। योजना के मुताबिक 2018 में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए हाइडरेल उतारी जाएंगी। यूरोपीय संघ के मुताबिक इस वक्त ईयू में 20 फीसदी ट्रेनें डीजल वाली हैं। डेनमार्क, नॉर्वे, यूके और नीदरलैंड्स ने भी इन ट्रेनों को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है।


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