उम्र बढ़ना रोक सकते हैं गट बैक्टीरिया, वैज्ञानिकों को चूहों की उम्र कम करने में मिली सफलता
गट बैक्टीरिया उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को रोक सकते हैं। वैज्ञानिकों को इनके सहारे चूहों की उम्र कम करने में मिली सफलता मिली है। यह खोज इंसान के लिए भी बेहद अहम मानी जा रही है।
सिंगापुर, पीटीआइ। आंतों में रहने वाले सूक्ष्मजीव यानी गट बैक्टीरिया उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को बदल सकते हैं। एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है। मनुष्यों सहित सभी जीवों के शरीर में असंख्य सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं, जो एक-दूसरे के सहयोग से जीवों के स्वास्थ्य का संतुलन बनाए रखते हैं। सिंगापुर की नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में एक टीम ने अध्ययन कर यह पता लगाया कि गट बैक्टीरिया पोषण, फिजियोलॉजी (शरीर विज्ञान), मेटाबोलिज्म और हमारे व्यवहार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उम्र कम करने में मिलेगी मदद
साइंस ट्रांसलेशन मेडिसिन नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि न्यूरोजेनेसिस की वृद्धि का कारण गट बैक्टीरिया हैं, जो विशिष्ट फैटी एसिड का उत्पादन करते हैं, जिसे ब्यूटायरेट कहा जाता है। ब्यूटायरेट का उत्पादन आंतों के निचले हिस्से में डाइट्री फाइबर के माइक्रोबियल फर्मेटेशन के माध्यम से किया जाता है। इससे एफजीएफ-21 नामक एक हार्मोन के उत्पादन बढ़ जाता है, जो शरीर की ऊर्जा और मेटाबॉल्जिम को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शोधकर्ताओं ने कहा, ‘इसका मतलब है कि ब्यूटारेट के उत्पादन बढ़ने से हमें उम्र कम करने में मदद मिल सकती है।’
...और कम हो गई चूहों की उम्र
एनटीयू के प्रोफेसर स्वेन पेटर्सन के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने टीम 24 महीने के चूहों पर गट बैक्टीरिया का प्रत्यारोपण कर उन्हें छह सप्ताह के चूहों में बदल दिया। अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि आठ सप्ताह के बाद इन चूहों में शारीरिक वृद्धि होनी शुरू हुई और उनके मस्तिष्क में न्यूरोजेनेसिस यानी न्यूरॉन्स उत्पादन शुरू हुआ।
तंत्रिका का विकास करने की क्षमता
पेटर्सन ने कहा, ‘अध्ययन के दौरान हमने पाया कि एक बड़े चूहे के शरीर से एकत्र किए गए माइक्रोब्स (सूक्ष्मजीवों) में छोटे चूहे की तंत्रिका का विकास करने की क्षमता होती है।’ उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक और बहुत ही दिलचस्प अवलोकन है। उन्होंने कहा कि इस अध्ययन के निष्कर्ष सामने आने के बाद शायद यह संभव हो सकता है कि हम किसी व्यक्ति को जवां बनाए रख सकते हैं। हालांकि, इसके लिए अभी कई स्तरों पर अध्ययन की जरूरत है।
वाइरस से बैक्टीरिया को मारा
मनुष्य के शरीर में कई तरह के बैक्टीरिया पाए जाते हैं। इनमें से कुछ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं तो कुछ शरीर को नुकसान भी पहुंचाते हैं, जिन्हें बैड बैक्टीरिया कहा जाता है। एक अन्य अध्ययन में इन्हीं जीवाणुओं को मारने के लिए वैज्ञानिकों एक वाइरस की मदद ली और प्रोटीन के जरिये बैड बैक्टीरिया को बदल दिया, जिसके बाद उनकी कार्यप्रणाली भी बदल गई। वैज्ञानिकों का दावा है कि इससे एंटीबायोटिक प्रतिरोध के बढ़ते खतरे को दूर करने में मदद मिल सकती है। उनका कहा कि कई बार बीमारियों से बचने के लिए खाई जाने वाली दवाएं असर नहीं करतीं। इसका मुख्य कारण यही होता है कि हमारे शरीर के भीतर पाए जाने वाले बैक्टीरिया एंटीबायोटिक प्रतिरोधी हो जाते हैं। लेकिन अब उन्हें मारा जाता सकता है।