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दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता परिवार पर कसेगा शिकंजा, कई देशों में जब्‍त होगी अरबों की रकम

दक्षिण अफ्रीका के अधिकारियों ने भारतीय मूल के गुप्ता बंधुओं के अरबों रेंड (दक्षिण अफ्रीकी मुद्रा) की धनराशि को जब्त करने के प्रयास नए सिरे से शुरू किए हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 06:20 PM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 06:20 PM (IST)
दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता परिवार पर कसेगा शिकंजा, कई देशों में जब्‍त होगी अरबों की रकम
दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता परिवार पर कसेगा शिकंजा, कई देशों में जब्‍त होगी अरबों की रकम

जोहानिसबर्ग, प्रेट्र। दक्षिण अफ्रीका के अधिकारियों ने भारतीय मूल के गुप्ता बंधुओं के अरबों रेंड (दक्षिण अफ्रीकी मुद्रा) की धनराशि को जब्त करने के प्रयास नए सिरे से शुरू किए हैं। बताया जाता है कि गुप्ता बंधुओं ने यह रकम कथित तौर पर सरकारी विभागों की मिलीभगत से गैरकानूनी सौदों से कमाये और फिर देश से गैरकानूनी ढंग से बाहर भेज दिया था।

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अमेरिका ने कुछ दिनों पहले लगाई थीं पाबंदी   

'संडे टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, असेट फोरफीटर यूनिट (एएफयू) ने अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता प्राप्त करने का जिक्र किया है। इससे पहले अमेरिकी वित्त विभाग ने गुप्ता बंधुओं अजय, अतुल और राजेश तथा उनके सहयोगी सलीम एस्सा पर पिछले हफ्ते पाबंदियां लगाई थीं। अमेरिकी वित्त विभाग ने कहा कि गुप्ता परिवार एक भ्रष्ट नेटवर्क के सदस्य हैं और उन्होंने सरकारी ठेकों, रिश्वत तथा अन्य भ्रष्ट गतिविधियों के जरिए अधिक भुगतान लिया तथा उसका इस्तेमाल राजनीतिक भुगतानों के लिए तथा सरकारी गतिविधियों को प्रभावित करने के लिए किया गया। गुप्ता परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का रहने वाला है।

आइटी, मीडिया और खनन के जरिए काफी पैसा कमाया

दक्षिण अफ्रीका में बीते दो दशक में उसने आइटी, मीडिया और खनन उद्योगों के जरिए काफी पैसा कमाया। आरोप है कि कमाई के लिए गुप्ता परिवार ने पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा से नजदीकी का कथित तौर पर फायदा उठाया। जुमा खुद भी भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। गुप्ता भाई दुबई भाग चुके हैं और अब कर्जदाताओं को भुगतान के लिए दक्षिण अफ्रीका में उनकी संपत्तियों की नीलामी की जा सकती है। लेकिन एएफयू की नजर उस पैसे पर है जो गुप्ता बंधुओं ने अमेरिका, ब्रिटेन और यूएई भेजा।

सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि एएफयू गैरकानूनी ढंग से अमेरिका भेजी गई रकम को वापस पाने की दिशा में काम कर रहा है और इसमें अमेरिकी अधिकारी सहयोग कर रहे हैं। एएफयू ब्रिटेन की कानून प्रवर्तक एजेंसियों की मदद भी ले रहा है।


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