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ग्रीस और मेसेडोनिया ने नाम को लेकर 27 साल पुराना विवाद सुलझाया

वर्ष 1991 में यूगोस्लाविया से अलग होकर नया देश रिपब्लिक ऑफ मेसेडोनिया बना था।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 13 Jun 2018 06:27 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jun 2018 06:53 PM (IST)
ग्रीस और मेसेडोनिया ने नाम को लेकर 27 साल पुराना विवाद सुलझाया
ग्रीस और मेसेडोनिया ने नाम को लेकर 27 साल पुराना विवाद सुलझाया

एथेंस, आइएएनएस। यूरोप के दो देशों ग्रीस और मेसेडोनिया ने 27 साल से जारी विवाद सुलझा लिया है। वर्ष 1991 में यूगोस्लाविया से अलग होकर नया देश रिपब्लिक ऑफ मेसेडोनिया बना था। इसके दक्षिण में स्थित ग्रीस के कुछ हिस्सों को भी मेसेडोनिया के नाम से जाना जाता है। इस पर दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हो गया था।

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यूनानी प्रधानमंत्री एलेक्सिस त्सिप्रास (दाएं) 17 मई को सोफिया में यूरोपीय संघ-पश्चिमी बाल्कन शिखर सम्मेलन में मैसेडोनियाई प्रधानमंत्री ज़ोरान जैव के साथ मिले।

लंबी बातचीत के बाद दोनों देश इस बात पर राजी हो गए हैं कि मेसेडोनिया को अब 'रिपब्लिक ऑफ नॉर्थ मेसेडोनिया' के नाम से जाना जाएगा। मेसेडोनियन भाषा में इसे सेवेर्ना मकदूनिया कहा जाएगा। नए नाम की आधिकारिक घोषणा से पहले मेसेडोनिया की जनता और ग्रीस की संसद की मंजूरी जरूरी होगी।

बता दें कि ग्रीस के उत्तरी क्षेत्र का नाम भी मेसेडोनिया है। सिकंदर महान इसी क्षेत्र का रहने वाला था। इसी वजह से ग्रीस के नागरिक इस नाम को लेकर नाराज थे। ग्रीस का कहना था कि उसके हिस्से में आने वाला मेसेडोनिया यूनानी संस्कृति का प्रमुख भाग है।

नाम को लेकर हुए समझौते में भी स्पष्ट किया गया है कि नॉर्थ मेसेडोनिया को पुरानी ग्रीक सभ्यता से संबंधित नहीं माना जाएगा। उल्लेखनीय है कि मेसेडोनिया देश ने अपने एयरपोर्ट का नाम सिकंदर के नाम पर रखा है जिसको लेकर भी विवाद है।

ईयू, नाटो और यूएन ने ग्रीक-मैसेडोनियाई सौदे का स्वागत किया है।


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