आठ बदलावों के साथ खुल सकेंगे स्कूल, जर्मनी ने बनाया जून तक स्कूल खोलने का रोडमैप
जर्मनी में जून से स्कूल खोले जा सकते हैं। इसको लेकर एक रोडमैप तैयार किया गया है जिसको जर्मनी की सरकार की मंजूरी मिलना अभी बाकी है।
बर्लिन। जर्मनी में लॉकडाउन के चलते सब कुछ बंद है। लेकिन अब सरकार धीरे-धीरे इसको खोलने की तरफ कदम उठाने जा रही है। इसके तहत स्कूलों को भी खोला जाएगा। फिलहल सरकार ने बारहवीं क्लास के छात्रों स्कूल जा कर एग्जाम की तैयारी करने की अनुमति दे दी है। लेकिन इनको पूरी तरह से खोलने पर फिलहाल सभी 16 राज्यों के मंत्रियों ने मंथन कर इसका एक रोडमैप बनाया है जिसको अब वे जर्मन चांसलर एजेंला मैर्केल के सामने पेश करेंगे। जर्मनी की न्यूज एजेंसी डीपीए के हवाले से डीब्ल्यू ने बताया है कि इस रोडमैप के अनुसार जून के अंत में शुरू होने वाली गर्मियों की छुट्टियों से पहले सभी स्कूल खोले जा सकते हैं।
जर्मनी की शिक्षा मंत्री आन्या कार्लीचेक ने के मुताबिक आने वाले दिनों में स्कूलों का नया रूप हमारे सामने आने वाला है। बच्चों की स्कूलों में होने वाली ये क्लास पहले की तरह नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ साथ माता पिता, अध्यापकों और नेताओं को भी जिम्मेदारी लेनी होगी क्योंकि बच्चों की सभी को चिंता है। इस योजना के कुछ अहम बिंदु इस प्रकार हैं:-
- बच्चों को अलग अलग ग्रुप में बांटा जाएगा ताकि सभी को एक साथ क्लास में मौजूद ना रहना पड़े।
- क्लास के अंदर भी बच्चों को एक दूसरे से दूरी बना कर रहना होगा।
- पूरे स्कूल का लंच ब्रेक भी एक साथ नहीं हुआ करेगा। परीक्षाओं को रद्द नहीं किया जाएगा।
- हर स्कूल को एक हाइजीन प्लान बनाना होगा जिसमें बच्चों को हाथ धोने, डेढ़ मीटर की दूरी बनाने और खांसने और छींकने के सही तरीकों के बारे में बताया जाएगा।
- स्कूलों को टॉयलेट और भीड़ वाली अन्य जगहों में सफाई का खास ध्यान रखना होगा।
- जिन बच्चों या अध्यापकों को पहले से स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ दिक्कतें हों, उन्हें स्कूल आने पर मजबूर नहीं किया जाएगा।
- बच्चों को सार्वजनिक परिवहन से बचने और पैदल या फिर साइकिल चला कर स्कूल आने के लिए कहा जाएग।
- स्कूलों को भविष्य में भी डिजिटल सुविधाओं का सहारा लेते हुए इसको रोजमर्रा का हिस्सा बनाना होगा।
बच्चों के डॉक्टरों के संगठन बीवीकेजे के डॉक्टर याकोब मास्के का कहना है कि बच्चों के लिए स्कूल से दूर रहना सही नहीं होगा। डीडब्ल्यू के मुताबिक एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि बच्चों का उनके दोस्तों और टीचरों के साथ संपर्क भी अहम है। उनके मुताबिक अगर साफ सफाई का ठीक तरह से ध्यान रखा जाए तो स्कूल जाने में कोई खतरा नहीं है। अगर किसी को अस्थमा की बीमारी है और वो काबू में है और बच्चा डॉक्टर की दी दवा नियमित रूप से ले रहा है, तो उसके स्कूल आने से कोई खतरा नहीं है।
आपको बता दें कि जर्मनी में बच्चों की शिक्षा के लिए नियम बड़े सखत हैं। यहां पर बच्चों का का स्कूल जाना अनिवार्य है। बच्चों के पेरेंट्स को ये फैसला लेने का अधिकार नहीं है कि बच्चे को स्कूल भेजना है या नहीं। इतना ही नहीं बच्चों को छुट्टी की इजाजत केवल मेडिकल के दौरान ही मिल सकती है। अगर डॉक्टर लिख कर देंगे कि बच्चा स्कूल जाने की हालत में नहीं है, तभी बच्चे को घर पर रहने की इजाजत दी जा सकती है।