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जर्मनी ने नाजी समर्थक संगठन पर लगाया प्रतिबंध, देशभर में कई जगहों पर की जा रही छापेमारी

हिटलर के कट्टर नाजी विचारों को मानने वाले इस संगठन का उदय कुछ वर्ष पहले ब्रिटेन में हुआ जहां से यह जर्मनी समेत अन्य यूरोपीय देशों में अपना असर दिखाने लगा है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 06:15 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 07:18 PM (IST)
जर्मनी ने नाजी समर्थक संगठन पर लगाया प्रतिबंध, देशभर में कई जगहों पर की जा रही छापेमारी
जर्मनी ने नाजी समर्थक संगठन पर लगाया प्रतिबंध, देशभर में कई जगहों पर की जा रही छापेमारी

बर्लिन, रायटर। जर्मनी की सरकार ने नाजी समर्थक दक्षिणपंथी संगठन कॉम्बैट 18 पर प्रतिबंध लगा दिया है। गृह मंत्रालय की ओर से गुरुवार को एक ट्वीट में बताया गया कि हाल में एक स्थानीय और लोकप्रिय नेता वाल्टर ल्यूबेक की हत्या में शामिल रहे कॉम्बैट 18 पर गृह मंत्री ह‌र्स्ट सीहोफर ने पाबंदी लगा दी है।

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जर्मनी की पुलिस संगठन से जुड़े लोगों की धरपकड़ के लिए देशभर में कई जगहों पर छापे मार रही है। पिछले साल पूर्वी जर्मनी में दो लोगों की हत्या के पीछे भी इसी संगठन का हाथ होने की आशंका जताई गई थी।

दक्षिणपंथ और यहूदी विरोधी विचारधारी की कोई जगह नहीं

हिटलर के कट्टर नाजी विचारों को मानने वाले इस संगठन का उदय कुछ वर्ष पहले ब्रिटेन में हुआ, जहां से यह जर्मनी समेत अन्य यूरोपीय देशों में अपना असर दिखाने लगा है। जर्मन सरकार ने कहा है कि हमारे देश में उग्र दक्षिणपंथ और यहूदी विरोधी विचारधारा वाले लोगों के लिए कोई जगह नहीं है।

A और H से मिलकर बना है कॉम्बैट 18

बता दें कि कॉम्बैट 18 समूह जिसकी स्थापना ब्रिटेन में 1990 के दशक की शुरुआत में ब्रिटिश नेशनल पार्टी (BNP) के उग्रवादी विंग के रूप में हुई थी। यहां संख्या 18 का मतलब एडॉल्फ हिटलर (Adolf Hitler) के प्रारंभिक वर्णमाला A और H के पहले और आठवें अक्षरों का प्रतिनिधित्व करता है।

जर्मन के आतंरिक मंत्री सीहोफर ने कहा कि कॉम्बैट 18 के जर्मन चैप्टर को दूर-दराज़ चरमपंथी के लोगों के बीच बहुत सम्मान मिलता है और इसे हिंसक अतिवाद के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।

गौरतलब है कि सितंबर 2017 में भी प्रशिक्षण से लौटने के बाद समूह के कुछ सदस्यों को अवैध रूप से जर्मनी में गोला बारूद आयात करने का दोषी ठहराया गया था। जिनमें ब्रैंडेनबर्ग, हेसे, मेक्लेनबर्ग-वोरपोमरन, नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया, राइनलैंड-पैलेटिनेट और थुरिंगिया राज्यों में पुलिस की छापेमारी की गई थी।


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