जर्मनी में बढ़ रहा है कोविड-19 संक्रमण का दायरा, प्रतिबंधों को और सख्त करने की हो रही जरूरत
जर्मनी में अक्टूबर में कोविड-19 के मामले लगभग 6 लाख के करीब थे। वहीं नवंबर के पहले दो सप्ताह में मामले बढ़कर आठ लाख के करीब पहुंंच गए हैं। ऐसे में यहां पर नियमों और प्रतिबंधों को और सख्त बनाने पर विचार हो रहा है।
बर्लिन(रॉयटर)। जर्मनी समेत पूरे विश्व को कोविड-19 की चपेट में आए 10 माह बीत चुके हैं। इसके बाद भी इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जर्मनी समेत यूरोप के दूसरे देशों में इसकी दूसरी लहर आने के बाद समस्या और बढ़ गई है। जर्मनी की ही बात करें तो यहां पर अक्टूबर के अंत तक कोविड-19 के कुल मामले पांच लाख को पार कर गए थे।। वहीं नवंबर की शुरुआत से अब तक इसमें जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। नवंबर के शुरुआती 15 दिनों में ही जर्मनी में कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या 7.8 लाख के भी पार जा पहुंची है। सरकार के लिए ये लगातार चिंता का विषय बनता जा रहा है। इसी दौरान जर्मनी में आईसीयू में रेफर किए जाने वाले मरीजों की संख्या में भी करीब 70 फीसद तक का इजाफा हुआ है। सरकार के लिए ये चिंता की एक बड़ी वजह इस वजह से भी है क्योंकि इसकी रफ्तार को रोकने के लिए जर्मनी में आंशिक लॉकडाउन लगाया गया था।
आंशिकतौर पर लगे लॉकडाउन में जर्मनी में बार समेत सभी रेस्तरां भी बंद कर दिए गए। हालांकि इस दौरान स्कूलों और दुकानों को खोला गया था। लेकिन नवंबर के शुरुआती दो सप्ताह के अंदर ही दो लाख नए मरीजों की वजह से अब इस लॉकडाउन में लगे प्रतिबंधों का दायरा बढ़ाने की मांग की जाने लगी है। सरकार इस बात पर पूरी गंभीरता से विचार कर रही है कि पाबंदियों को और सख्त किया जाए। इसको देखते हुए जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने सभी राज्यों के मुखियाओं से इस बारे में वीडियो कांफ्रेंसिंग कर विचार किया है। इसमें सभी नए संभावित उपायों पर भी चर्चा की गई। सरकार की तरफ से लोगों से अपील की गई है कि वो क्रिसमस की पार्टी को भी आयोजित न करें और उनमें जाने से परहेज करें।
सरकार स्कूलों में आने वाले बच्चों और युवाओं से अपील कर रही है कि वो केवल एक समय में एक ही मित्र से मिलें और उसमें भी कोविड-19 के बनाए नियमों का पालन करें। क्रिसमस समेत दूसरे निजी आयोजनों को लेकर भी सरकार ने लोगों सेअपील की है कि वो इनमें बुलाए जाने वाले लोगों की संख्या को बेहद सीमित कर दें और नियमों का पूरी तरह से पालन करें। केंद्र और राज्य सरकारें इस कोशिश में भी दिखाई दे रही हैं कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए यदि नियमों में किसी तरह का बदलाव किया जा सकता है तो उसको भी अमल में लाया जाए। मर्केल ने अपने एक वीडियो मैसेज में लोगों से ये अपील की है कि आने वाले दिनों में जब सर्दियां शुरू हो जाएंगी तब लोगों को पहले की अपेक्षा ज्यादा एहतियात बरतनी होंगी। इसमें लोगों का सहयोग सबसे अधिक चाहिए होगा।
सरकार लगातार स्कूलों में एक दूसरे से दूरी बनाने, मास्क अनिवार्य रूप से पहनने पर जोर दे रही है। स्कूलों में ये भी कहा जा रहा है कि वो सभी छात्रों को दो अलग-अलग ग्रुपों में बुलाकर पढ़ाएं। इसके अलावा किसी भी तरह से ऐसे छात्रों को स्कूलों में न बुलाएं जिनको सर्दी-खांसी-जुकाम-बुखार आदि हो रखा हो। ऐसे छात्रों और उनके परिजनों से उन्हें क्वारंटीन करने की सलाह दी गई है।