Year Ender 2021: जापान में एक बार फिर पीएम बने फुमियो किशिदा, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी को संसदीय चुनाव में मिली बड़ी जीत
इस वर्ष जापान में सत्ता का परितर्वन हुआ। जापान में फुमियो किशिदा संसदीय चुनाव में अपनी सत्तारुढ़ पार्टी की बड़ी जीत के बाद एक बार फिर प्रधानमंत्री चुने गए। एक महीने से कुछ समय पहले संसद ने उन्हें प्रधानमंत्री चुना था। इसके बाद उन्होंने तत्काल चुनाव की घोषणा की थी।

नई दिल्ली, जेएनएन। इस वर्ष जापान में सत्ता का परिवर्तन हुआ। जापान में फुमियो किशिदा संसदीय चुनाव में अपनी सत्तारुढ़ पार्टी की बड़ी जीत के बाद एक बार फिर प्रधानमंत्री चुने गए। करीब एक महीने से कुछ समय पहले संसद ने उन्हें प्रधानमंत्री चुना था। इसके बाद उन्होंने तत्काल चुनाव कराने की घोषणा की थी। 465 सदस्यीय निचले सदन में किशिदा की पार्टी को 261 सीटों पर जीत मिली थी। इससे पहले 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री चुने जाने पर सत्ता पर उनकी पकड़ और मजबूत हो गई थी।
1- उनकी पार्टी की इस जीत को कोरोना महामारी से निपटने और खस्ताहाल हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जनादेश के तौर पर देखा गया। चुनावों के अंतिम नतीजों के अनुसार, किशिदा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगी कोमेइतो ने एक साथ मिलकर 293 सीटें जीती थी। उन्हें मिली सीटें 465 सदस्यीय निचले सदन में बहुमत के 233 के आंकड़े से अधिक रहीं। उसने पिछली बार 305 सीटें जीती थीं।
2- जापान में कोरोना महामारी से जूझ रही अर्थव्यवस्था और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों के कारण किशिदा की पार्टी को चुनाव में कुछ सीटें गंवानी पड़ी थी। करीब एक हफ्ते पहले उन्होंने अपने सत्तारूढ़ गठबंधन के बहुमत हासिल करने के बाद कहा था कि निचले सदन का चुनाव नेतृत्व चुनने को लेकर है मुझे लगता है कि हमें मतदाताओं से जनादेश मिला है। फुमियो किशिदा देश के पूर्व विदेश मंत्री थे। किशिदा ने योशिहिदे सुगा का स्थान लिया है।
3- सुगा और उनकी कैबिनेट ने चार अक्टूबर को इस्तीफा दे दिया था। अक्टूबर में जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने संसद को भंग कर दिया था। इसी के साथ 31 अक्टूबर को आम चुनाव कराए जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया। किशिदा ने कहा कि वह अपनी नीतियों पर जनादेश चाहते हैं। 11 दिन पहले प्रधानमंत्री बनने वाले किशिदा ने कहा था कि मैं चुनाव का इस्तेमाल लोगों से यह कहने के लिए करना चाहता हूं कि हमारा प्रयास क्या है और हमारा लक्ष्य क्या है।
4- चार अक्टूबर किशिदा ने योशीहिदे सुगा की जगह ली थी। वह प्रधानमंत्री पद संभालने के साथ ही देश में 31 अक्टूबर को आम चुनाव कराने का एलान किया था। किशिदा को एक शांत उदारवादी के रूप में जाना जाता था, लेकिन जाहिर तौर पर पार्टी में प्रभावशाली रूढ़िवादियों का समर्थन हासिल करने के लिए उन्होंने आक्रामक नेता की छवि बनाई। वह पहले चुनाव इसलिए कराना चाहते हैं, ताकि वह समर्थन जुटाने के लिए अपनी सरकार की ताजा छवि का लाभ उठा सकें।
Edited By Ramesh Mishra