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Controversial Separatism Bill in France: रमजान महीने में फ्रांस सरकार ने उठाया ये कदम, मुस्लिम समुदाय हुआ खफा

कोरोना महामारी के बीच फ्रांस सरकार के एक फैसले से देश की मुस्लिम बिरादरी खफा हो गई है। दुनिया भर में रमजान का महीना शुरू हो चुका है ऐसे में फ्रांस सरकार के एक कदम से मुस्लिम समुदाय की नाराजगी बढ़ गई है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 10:59 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 11:04 PM (IST)
Controversial Separatism Bill in France:  रमजान महीने में फ्रांस सरकार ने उठाया ये कदम, मुस्लिम समुदाय हुआ खफा
रांस ने रमजान महीने में सरकार ने उठाया ये कदम, मुस्लिम समुदाय हुए खफा। फाइल फोटो।

पेर‍िस, एजेंसी। कोरोना महामारी के बीच फ्रांस सरकार के एक फैसले से देश की मुस्लिम बिरादरी खफा हो गई है। दुनिया भर में रमजान का महीना शुरू हो चुका है, ऐसे में फ्रांस सरकार के एक कदम से मुस्लिम समुदाय की नाराजगी बढ़ गई है। फ्रांसीसी सीनेट ने कट्टरपंथ पर नकेल कसने के मकसद से लाए गए बिल को पास कर दिया है। इसमें कई संशोधन को शामिल किया गया है, जिनमें तमाम प्रावधानों को सख्त बनाया गया है। इन प्रावधानों को पहले ही फ्रांस की नेशनल असेंबली ने मंजूरी दे दी थी। इस बिल को लेकर कहा जा रहा है कि ये मुसलमानों को अलग-थलग करने के मकसद से किया गया है।

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बिल के पक्ष में 208 वोट पड़े, खिलाफ में 109 मत

फ्रांस की सीनेट में इस बिल के पक्ष में 208 वोट पड़े। इस ब‍िल के खिलाफ में 109 मत पड़े। सीनेट में इस बिल के तमाम प्रावधानों पर लंबी बहसों के बाद इस बिल को सीनेट में पेश किया गया है। इस बिल को लेकर पहले से ही सवाल खड़े किए जा रहे हैं। फ्रांस में इसके खिलाफ कई महीनों से विरोध-प्रदर्शन चलते रहे। फिलहाल इस ब‍िल को इसे सीनेट में पारित कर दिया  है। 

बिल का मकसद किसी समुदाय की भावना को आहत करना नहीं

फ्रांस सरकार ने साफ किया कि इस बिल का मकसद किसी समुदाय की भावना को आहत करना नहीं है। सरकार ने कहा कि बिल में शामिल किए गए नए संशोधनों का मकसद देश में अतिवाद से मुकाबला करना है। इस बिल में उन तमाम प्रावधानों को शामिल किया गया है, जिनमें स्कूल ट्रिप के दौरान बच्चों के माता-पिता के धार्मिक पोशाक पहनने पर रोक, नाबालिग बच्चियों के चेहरे छिपाने अथवा सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक प्रतीकों को धारण करने पर रोक लगाने की बात कही गई है। फ्रांस के आंतरिक मामलों के मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने इस ब‍िल के अंतिम समय में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के अनुरोध पर प्राइवेट स्कूलों में विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ लड़ने के लिए एक संशोधन भी जोड़ा।

शिक्षक का सिर कलम करने के बाद चरमपंथ पर लगाम बना मुद्दा

यह बिल इस्लामिक चरमपंथ के खिलाफ बड़े लड़ाई का हिस्सा है। हाल के समय में फ्रांस में इस्लामिक चरमपंथ का उभार देखने को मिला है। पिछले साल अक्टूबर में एक शिक्षक की सिर कलम करके हत्या करने के बाद फ्रांसीसी सरकार द्वारा चरमपंथ पर लगाम लगाने का यह ताजा प्रयास किया है। राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कहा है कि लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्षता जैसे फ्रांसीसी मूल्यों की रक्षा किया जाना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ समुदायों में बढ़ते कट्टरपंथ को रोकने के लिए भी यह जरूरी है।


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