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फ्रांस के पीएम बोले, कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ लगातार जारी रहेगी लड़ाई, बांग्‍लादेश में अब तक का सबसे बड़ प्रदर्शन

फ्रांस के प्रधानमंत्री ने कहा है कि सरकार कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ लगातार लड़ती रहेगी। हम अपने दुश्‍मन को जानते हैं। यह कट्टरपंथी इस्लाम है जो एक राजनीतिक विचारधारा है। वहीं फ्रांस के राष्‍ट्रपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला भी जारी है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 07 Nov 2020 07:11 PM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 07:12 PM (IST)
फ्रांस के पीएम बोले, कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ लगातार जारी रहेगी लड़ाई, बांग्‍लादेश में अब तक का सबसे बड़ प्रदर्शन
फ्रांस के प्रधानमंत्री ने कहा है कि सरकार कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ लगातार लड़ती रहेगी।

नीस/ढाका, एजेंसियां। फ्रांस के प्रधानमंत्री ज्यां कास्टेक्स (French Prime Minister Jean Castex) ने शनिवार को कहा कि सरकार कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ लगातार लड़ती रहेगी क्योंकि देश ने पिछले महीने दक्षिणी शहर नीस में हुए हमले में तीन नागरिकों को खोया था। समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक, ज्यां कास्टेक्स ने कहा कि हम अपने दुश्‍मन को जानते हैं। हमने इसकी पहचान की है। यह कट्टरपंथी इस्लाम है जो एक राजनीतिक विचारधारा है। यह विचारधारा मुस्लिम धर्म को खारिज करती है।

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सनद रहे इससे पहले फ्रांसीसी राष्‍ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कहा था कि इस्‍लाम संकट में है। फ्रांसीसी राष्‍ट्रपति के इस विवादित बयान को लेकर दुनियाभर में विरोध प्रदर्शन आयोजित हुए थे। इन प्रदर्शनों का सिलसिला आज भी जारी है। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आज भी हजारों लोगों ने इमैनुएल मैक्रों के विरोध में प्रदर्शन किया। समाचार एजेसी पीटीआइ के मुताबिक, इसे इस संबंध में अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन कहा जा रहा है।

फ्रांसीसी राष्‍ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने उन धर्मनिरपेक्ष कानूनों का समर्थन किया है जिनके तहत पैगंबर मोहम्मद पर कार्टून बनाने की अनुमति है। यह प्रदर्शन हजारों इस्लामिक स्कूलों के शिक्षकों और छात्रों के नेटवर्क हिफाजत-ए-इस्लाम ने आयोजित किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी ढाका के पुराने इलाके की मुख्य बैतुल मोकर्रम मस्जिद के बाहर जमा हुए और प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने फ्रांसीसी सामानों का बहिष्कार करो जैसे नारे लगाए और मैक्रों का पुतला जलाया। हिफाजत-ए-इस्लाम समूह के नेता नूर-हुसैन-काश्मी ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं फ्रांस सरकार से मांग करता हूं कि वह दुनिया भर के दो अरब मुसलमानों से माफी मांगे। उन्‍होंने बांग्‍लादेश की सरकार फ्रांस के दूतावास को बंद करने की मांग करते हुए कहा कि यह शर्म की बात है कि संसद में मैक्रों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव तक पारित नहीं किया है।  


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