फ्रांस पहुंची भारत में पाई गई कोरोना की वैरिएंट, जानें अब तक किन देशों में पाए गए इसके केस
भारत में फैली कोरोना की नई स्ट्रेन के दुनिया के तमाम मुल्कों में फैलने का खतरा मंडराने लगा है। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस ने भारत में फैली कोरोना की स्ट्रेन का पहला मामला सामने आने की पुष्टि की है।
पेरिस, एपी। भारत में फैली कोरोना की नई स्ट्रेन के दुनिया के तमाम मुल्कों में फैलने का खतरा मंडराने लगा है। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस ने भारत में फैली कोरोना की स्ट्रेन का पहला मामला सामने आने की पुष्टि की है। फ्रांस में कोरोना के नए वैरिएंट का मामला ऐसे वक्त में सामने आया है जब राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने देश में अर्थव्यवस्था को फिर से गति देने का फैसला किया है। इसके लिए उन्होंने छह महीने की पाबंदी के बाद चरणबद्ध तरीके से कुछ गतिविधियों को इजाजत के लिए राष्ट्रीय योजना लाए जाने की बात कही है।
फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार रात को कहा कि दक्षिणी फ्रांस के बचेस डू रोने और लोत एत गारोने क्षेत्र में तीन लोगों में वायरस के नए वैरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इन तीनों लोगों ने बीते दिनों भारत की यात्रा की थी। मंत्रालय ने कहा कि संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है। फ्रांस ने भारत समेत संक्रमण की मार से जूझ रहे अन्य देशों से आने वाले लोगों के संबंध में पिछले हफ्ते नियंत्रण की घोषणा की थी।
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा था कि भारत में पाई गई कोरोना की वैरिएंट (बी.1.617) 17 देशों में पाई गई है। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने बीते मंगलवार को अपने साप्ताहिक माहामारी संबंधी जानकारी में कहा कि भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे सार्स-सीओवी-2 का बी.1.617 वैरिएंट हो सकता है। प्रारंभिक प्रतिरूपण में पाया गया है कि बी.1.617 भारत में प्रसारित अन्य प्रकारों से ज्यादा तेजी से विकसित हो रहा है।
भारत में पाई गई कोरोना के वैरिएंट को लेकर दुनिया के बाकी मुल्कों में दहशत देखी जा रही है। अमेरिका ने अपने नागरिकों को भारत की यात्रा नहीं करने की सलाह दी है। साथ ही जो लोग पहले ही भारत में हैं उन्हें जल्द से जल्द देश छोड़ने की भी हिदायत दी है। अमेरिकी दूतावास के अपने कर्मियों के स्वजनों को भी समय रहते भारत छोड़ने को कहा है। अमेरिका का कहना है कि भारत में कोरोना के मामले बढ़ने के बीच सभी तरह की चिकित्सीय देखभाल के संसाधन सीमित हो गए हैं।