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म्यांमार की सेना और विद्रोहियों के बीच हुई गोलीबारी, दो रोहिंग्याओं की मौत एवं कई घायल

अगस्त 2017 में अराकान रोहिंग्या सैलवेशन आर्मी (ARSA) ने रखाइन में पुलिस और सैन्य चौकियों को निशाना बनाते हुए कई हमले किए थे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 09:45 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 09:45 PM (IST)
म्यांमार की सेना और विद्रोहियों के बीच हुई गोलीबारी, दो रोहिंग्याओं की मौत एवं कई घायल
म्यांमार की सेना और विद्रोहियों के बीच हुई गोलीबारी, दो रोहिंग्याओं की मौत एवं कई घायल

यंगून, एएफपी। म्यांमार की सेना और विद्रोहियों के बीच हुई गोलीबारी में दो रोहिंग्या मुस्लिम महिलाओं की जहां मौत हो गई, वहीं सात अन्य घायल हो गए। यह घटना अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के उस आदेश के चंद रोज बाद घटी है, जिसमें उसने रोहिंग्या मुसलमानों का नरसंहार रोकने के लिए म्यांमार को सभी उपाय करने को कहा था। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में भी एक विस्फोट में चार रोहिंग्या बच्चों की मौत हो गई थी।

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सैन्य प्रवक्ता जॉ मिन तुन ने बताया कि एक महिला की जहां मौके पर ही मौत हो गई, वहीं दूसरी ने उत्तरी रखाइन प्रांत के अस्पताल पहुंचने के बाद दम तोड़ा। सेना ने इन मौतों के लिए अराकान आर्मी को जिम्मेदार ठहराया है।

2017 में किए थे कई हमले

हालांकि अराकान आर्मी ने सेना पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस इलाके में यह घटना हुई है, वहां पर सेना के साथ उसकी कोई लड़ाई नहीं चल रही है। बता दें कि अगस्त, 2017 में अराकान रोहिंग्या सैलवेशन आर्मी (ARSA) ने रखाइन में पुलिस और सैन्य चौकियों को निशाना बनाते हुए कई हमले किए थे। इसके बाद म्यांमार की सेना ने प्रांत में बड़ी कार्रवाई की थी। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस कार्रवाई में दस हजार लोग मारे गए और सात लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमानों को भागकर पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण लेनी पड़ी।


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