Move to Jagran APP

India-Kenya Relations: जानें, भारतीय विदेश मंत्री की नैरोबी यात्रा की प्रमुख वजह, भारत के लिए क्‍यों खास है पूर्वी अफ्रीकी देश केन्‍या

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर केन्या के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। सोमवार को उन्‍होंने एक मंत्रिस्‍तरीय गोलमेज सम्‍मेलन में दोनों देशों के बीच एक व्‍यापक साझेदारी पर चर्चा की। इसके पूर्व रविवार को विदेश मंत्री ने केन्या में भारतीय समुदाय के साथ ऑनलाइन संवाद किया।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 04:30 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 05:50 PM (IST)
India-Kenya Relations: जानें, भारतीय विदेश मंत्री की नैरोबी यात्रा की प्रमुख वजह, भारत के लिए क्‍यों खास है पूर्वी अफ्रीकी देश केन्‍या
भारत-केन्या संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए जयशंकर ने एक व्यापक साझेदारी पर चर्चा की। एजेंसी।

नैरोबी, एजेंसी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को यहां मंत्री स्तरीय गोलमेज बैठक में केन्या के शीर्ष मंत्रियों के साथ दोनों देशों के बीच व्यापक साझेदारी को लेकर चर्चा की। केन्या की विदेश मंत्री रेशेल ओमामो की अध्यक्षता में हुई बैठक में द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की गई।इस बैठक में केन्या की रक्षा मंत्री मोनिका जुमा, व्यापार एवं उद्योग मंत्री बैटी सी मैना, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी मंत्री जोए म्यूचेरु ईजीएच, ऊर्जा मंत्री चा‌र्ल्स केटेर, सहायक वित्त मंत्री नेल्सन गैचुही, सहायक स्वास्थ्य मंत्री राशिद अब्दी अमान तथा गृह मंत्री एंग कारांजा किबिचो शामिल हुए।बैठक के बाद जयशंकर ने ट्वीट कर वरिष्ठ मंत्रियों के मूल्यवान योगदान के लिए उनका आभार जाताया और उनके विचार, उत्साह तथा संकल्प की सराहना की। उन्होंने ट्वीट किया, मंत्रिस्तरीय गोलमेज बैठक में व्यापक साझेदारी के निर्माण को लेकर चर्चा की। विदेश मंत्री रेशेल ओमामो बैठक की अध्यक्षता करने के लिए आपका शुक्रिया।

loksabha election banner

केन्‍या में भारतीय मूल के करीब 80,000 लोग

इसके पूर्व केन्‍या में भारतीय उच्चायोगने रविवार रात को ट्वीट करके बताया कि कि विदेश मंत्री एस जयशंकर केन्या के आधिकारिक दौरे पर आए हुए हैं। जयशंकर केन्या की विदेश मंत्री के साथ भारत-केन्या संयुक्त आयोग की तीसरी बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इसमें द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की जाएगी। संयुक्त आयोग की पिछली बैठक मार्च 2019 को नई दिल्ली में आयोजित हुई थी। उन्होंने 13 जून को केन्या में भारतीय समुदाय के विभिन्न वर्गों के साथ ऑनलाइन बातचीत की। इसमें बताया गया कि बैठक का संयोजन केन्या में भारत के उच्चायुक्त डॉ. वीरेंद्र पॉल ने किया। बता दें कि केन्या में भारतीय मूल के करीब 80,000 लोग हैं। इनमें से करीब 20,000 भारतीय नागरिक हैं।

केन्याई समकक्ष रशैल ओमामो ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर वार्ता

इसके पूर्व शनिवार को विदेश मंत्री जयशंकर और उनकी केन्याई समकक्ष रशैल ओमामो ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर वार्ता की। दोनों देशों के संबंधों को आगे ले जाने का काम एक संयुक्त आयोग करेगा। वार्ता के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दोनों सदस्यों के लिए उपयुक्त क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई।

नैरोबी में पहला उच्चायोग भारत ने खोला

  • गौरतलब है कि वर्तमान में भारत और केन्या सुरक्षा परिषद के सदस्य हैं और वे राष्ट्रमंडल के भी सदस्य हैं। केन्या अफ्रीकी संघ का सक्रिय सदस्य है। इसका भारत के साथ लंबे समय से संबंध रहे हैं।
  • केन्‍या आज यूनाइटेड नेशंस, नॉन-अलाइंड मूवमेंट, कॉमनवेल्‍थ नेशंस, जी-77 और जी-15 जैसे संगठनों में शामिल हैं। भारत, केन्‍या के लिए छठां सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है और सबसे बड़ा निर्यातक देश है।
  • केन्‍या में ब्रिटिश शासन काल में भारत से मजदूरों को लाकर बसाया गया था। अंग्रेज इन मजदूरों को उगांडा रेलवे के निर्माण के लिए लाए थे। भारत की आजादी से पहले पूर्वी अफ्रीकी भारतीय कांग्रेस के मोम्‍बासा सत्र की अध्‍यक्षता सरोजनी नायडू ने की थी।
  • वर्ष 1963 में जब केन्‍या को आजादी मिली तो भारत सरकार ने नैरोबी में पहला उच्‍चायोग खोला था। नैरोबी में खुले हाई कमीशन के बाद दोनों देशों के रिश्‍ते प्रगाढ़ हुए हैं।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.