किस अधिकार से इमरान भड़का रहे कश्मीरियों को, पाक की हरकतों को दुनिया जान चुकी है
यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशिया स्टडीज ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली पाकिस्तान की हरकतों को दुनिया जान चुकी है।]
एम्सटर्डम, एएनआइ। पाकिस्तानी सोच को आगे बढ़ाते हुए वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान ने साबित किया कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों के सही दोस्त नहीं हैं। उन्होंने न केवल कश्मीरियों को हिंसा के लिए भड़काया है बल्कि गलत बातों में सहयोग देने का एलान भी किया है। यह बात यूरोप की प्रमुख सामाजिक संस्था यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशिया स्टडीज ने कही है। संस्था ने यह बात इमरान खान के संयुक्त राष्ट्र आमसभा में दिए भाषण के विश्लेषण में कही है।
संस्था ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली पाकिस्तान की हरकतों को दुनिया जान चुकी है, इसलिए अब किसी को उसकी बातों पर भरोसा नहीं है।
संस्था ने कहा है कि इमरान संयुक्त राष्ट्र के अपने भाषण में जम्मू-कश्मीर के अतीत और भविष्य की गलत बातों का समर्थन करते सुने गए। वह वहां के युवाओं को हथियार उठाने के लिए उकसाते रहे। खुद दुनिया को परमाणु युद्ध की धमकी देते रहे।
कश्मीरियों को खून बहाने का आह्वान
संस्था ने सवाल उठाया है कि आखिर इमरान किस हैसियत से यह सब कह रहे हैं। कश्मीरियों को खून बहाने और अपना जीवन दांव पर लगाने का आह्वान वह किस अधिकार से कर रहे हैं। उन्हें इस सबके लिए किसने अधिकृत किया है। जवाब में कहा जाए कि इमरान से यह कार्य पाकिस्तानी सेना करा रही है। कश्मीर मसले को हवा देकर पाकिस्तानी जनता की आंखों में धूल झोंकी जा रही है और उसका ध्यान मूल समस्याओं से मोड़ा जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में इमरान का भाषण
27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में इमरान ने 50 मिनट का भाषण दिया था। उनके भाषण के फोकस में जम्मू-कश्मीर था। उद्देश्य भारत को दुनिया के सामने गलत ठहराना था। इस्लामोफोबिया को लेकर इमरान ने पश्चिमी दुनिया को भी निशाने पर लिया।
हिजाब को निशाना बनाए जाने पर सवाल उठाए। कहा कि अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमले के बाद दुनिया की सोच बदली। अब वह इस्लामोफोबिया का रूप ले चुकी है। उन्होंने इस्लाम के विषय में दुनिया को जागरूक करने का एलान किया।