Move to Jagran APP

ईयू के थिंक टैंक ने कहा- पाक के लिए आतंकी संगठन टीएलपी से रिश्ता 27 देशों से संबंध की तुलना में ज्यादा अहम

पाकिस्तान के लिए आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) से रिश्ता 27 लोकतांत्रिक देशों से संबंध की तुलना में ज्यादा महत्वपूर्ण है। ईशनिंदा कानून के दुरुपयोग पर यूरोपीय संसद के प्रस्ताव को खारिज कर पाकिस्तान सरकार ने यह बात स्पष्ट कर दी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 01:05 AM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 01:06 AM (IST)
ईयू के थिंक टैंक ने कहा- पाक के लिए आतंकी संगठन टीएलपी से रिश्ता 27 देशों से संबंध की तुलना में ज्यादा अहम
पाकिस्तान ने खारिज कर दिया था ईशनिंदा कानून पर यूरोपीय संसद का प्रस्ताव।

एम्सटर्डम, एएनआइ। पाकिस्तान के लिए आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) से रिश्ता 27 लोकतांत्रिक देशों से संबंध की तुलना में ज्यादा महत्वपूर्ण है। ईशनिंदा कानून के दुरुपयोग पर यूरोपीय संसद के प्रस्ताव को खारिज कर पाकिस्तान सरकार ने यह बात स्पष्ट कर दी है। यूरोपीय थिंक टैंक ने यह बात कही है।

loksabha election banner

यूरोपीय संसद ने ईशनिंदा कानून पर प्रस्ताव पारित किया था

यूरोपीय संसद के ताजा सत्र में एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें पाकिस्तान में ज्यादा धार्मिक स्वतंत्रता की मांग की गई थी। साथ ही यूरोपीय संघ (ईयू) के अधिकारियों से ईशनिंदा कानून के बढ़ते दुरुपयोग को देखते हुए पाकिस्तान के लिए जनरल स्कीम ऑफ प्रेफरेंसेज प्लस (जीएसपी प्लस) की समीक्षा करने को कहा था। जनवरी, 2014 में ईयू ने अपनी महत्वाकांक्षी कारोबारी स्कीम के तहत पाकिस्तान को जीएसपी प्लस का दर्जा दिया था।

पाकिस्तान ने खारिज कर दिया था ईशनिंदा कानून पर यूरोपीय संसद का प्रस्ताव

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के मंत्रिमंडल ने ईयू के प्रस्ताव पर तीन मई को बैठक की और कहा कि देश के ईशनिंदा कानून से कोई समझौता नहीं होगा। यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज ने कहा कि ईयू के प्रस्ताव को खारिज कर पाकिस्तान की सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि उसके लिए टीएलपी के साथ रिश्ता ज्यादा अहम है।

ईयू ने ईशनिंदा कानूनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए पाक से प्रभावी व्यवस्था बनाने को कहा था

प्रस्ताव में उल्लेख किया गया था कि 1987 से अब तक ईशनिंदा के सबसे ज्यादा मामले 2020 में आए। प्रस्ताव में पाकिस्तान सरकार से देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव एवं हिंसा की स्पष्ट शब्दों में निंदा करने और ईशनिंदा के कानूनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रभावी व्यवस्था बनाने को कहा गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.