कश्मीर पर दुष्प्रचार के खिलाफ पाकिस्तान पर बरसे यूरोपीय यूनियन के सांसद
ईयू के पूर्व सांसद नाथन गिल ने कहा जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है और पाकिस्तान ने उस पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।
जेनेवा, एएनआइ। कश्मीर पर फैलाए जा रहे दुष्प्रचार के खिलाफ यूरोपीय यूनियन (ईयू) के सांसदों ने पाकिस्तान को जमकर खरीखोटी सुनाई है। सांसदों ने कहा कि आतंकी संगठनों के लिए सुरक्षित पनाहगार बन चुका पाकिस्तान क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए खतरा है। आतंकी संगठनों में कई असामाजिक तत्व भी हैं जो स्थानीय कश्मीरियों के रोजमर्रा के जीवन के लिए खतरा बने हुए हैं।
पाकिस्तान आतंकियों के लिए बन गया सुरक्षित पनाहगार
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 43वें सत्र के मौके पर सोमवार को जेनेवा प्रेस क्लब में 'जम्मू एंड कश्मीर: शिफ्टिंग फैक्ट्स फ्रॉम फिक्शन' विषय पर हुई परिचर्चा में ईयू सांसदों के अलावा विशेषज्ञों और मीडिया से जुड़े लोगों ने भी हिस्सा लिया। सांसद गियाना गैंसिया और फुल्वियो मार्टुसिएलो ने कहा कि अपने देश में विकास पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय पाकिस्तान आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बन गया है।
अनुच्छेद 370 खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में नई ऊर्जा का संचार हुआ
गिलगिट पाकिस्तान स्टडीज के प्रेसिडेंट सेंग सेरिंग ने कहा, अनुच्छेद-370 खत्म करने से इस क्षेत्र के लोगों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है, लेकिन पाकिस्तान इस प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। एक अन्य सांसद पाउलो कसाका ने कहा, कश्मीर को लेकर पाकिस्तान दुष्प्रचार कर रहा है, लेकिन हकीकत पूरी तरह से अलग है।
ईयू के पूर्व सांसद गिल ने कहा- जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है
ईयू के पूर्व सांसद नाथन गिल ने कहा, जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है और पाकिस्तान ने उस पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।
धरती पर स्वर्ग सरीखा जम्मू-कश्मीर कट्टरपंथी विचारधारा के खिलाफ कहीं खो गया
ट्रू वॉइस ऑफ कश्मीर की सैयद तहमीना ने दुख और गुस्से के साथ कहा कि धरती पर स्वर्ग सरीखा उनका राज्य कट्टरपंथी विचारधारा के खिलाफ कहीं खो गया है। परिचर्चा के दौरान जम्मू-कश्मीर नेशनल अवामी पार्टी के सज्जाद रजा ने कहा कि पाकिस्तान के शोषण से कश्मीर को निकालने का एकमात्र तरीका विकास है।
पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा करने के लिए छद्म युद्ध का सहारा लिया
पत्रकार आतिका फारूकी ने बताया कि कैसे पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा करने के लिए छद्म युद्ध का सहारा लिया और कश्मीर को भारत से अलग करने के लिए जिहादी गुटों को प्रोत्साहित किया।