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ब्रेक्जिट के बाद व्यापार समझौते को EU सांसदों की मंजूरी

post Brexit trade treaty यूरोपीय सांसदों (European lawmakers) ने ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच ब्रेक्जिट के बाद व्यापार समझौते को मंजूरी दे दी है। ब्लॉक छोड़ने के ब्रिटेन के फैसले के पांच साल बाद यह फैसला लिया गया।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 28 Apr 2021 03:00 PM (IST)Updated: Wed, 28 Apr 2021 03:00 PM (IST)
ब्रेक्जिट के बाद व्यापार समझौते को EU सांसदों की मंजूरी
ब्रेक्जिट के बाद व्यापार समझौते को EU सांसदों की मंजूरी

ब्रुसेल्स, एपी। यूरोपीय सांसदों (European lawmakers) ने ब्रिटेन (Britain) और यूरोपीय संघ के बीच ब्रेक्जिट (Brexit) के बाद  व्यापार समझौते को मंजूरी दे दी है। ब्लॉक छोड़ने के ब्रिटेन के फैसले के पांच साल बाद यह फैसला लिया गया। यह डील क्रिसमस की पूर्व संध्या पर हुआ था जिसे ब्रिटेन की संसद में पहले ही मंजूरी दी जा चुकी थी। अब तक यूरोपीय संसद की इसी मंजूरी का इंतजार था। यूरोपीय संसद में सांसदों ने ब्रिटेन सरकार और यूरोपीय संघ के बीच हुए समझौते के पक्ष में मतदान किया। यह मतदान मंगलवार को हुआ और नतीजे की घोषणा बुधवार सुबह की गई ब्रिटेन इस संघ में वर्ष 1973 को शामिल हुआ था। 

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पिछले साल 30 दिसंबर को यूरोपीय संघ-ब्रिटेन व्यापार और सहयोग समझौते के तौर पर ब्रेक्जिट व्यापार समझौते पर यूरोपीय नेताओं ने हस्ताक्षर कर दिया था। इस समझौते पर यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने हस्ताक्षर किए। ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन (Borris Johnson) ने भी लंदन में इस समझौते पर हस्ताक्षर कर दिया था।

पिछले साल के अंत में हुआ व्यापार समझौता

11 महीने चली चर्चा व आरोप-प्रत्यारोप के बाद अंतत: यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के बीच व्यापार समझौता पिछले साल के अंत में हुआ। इससे दोनों पक्षों को दसियों लाख करोड़ रुपये का नुकसान और लाखों नौकरियां जाने से बच गईं। इस समझौते को पोस्ट ब्रेक्जिट फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) का नाम दिया गया है। इसमें दोनों पक्ष एक-दूसरे के क्षेत्र में जाकर अपना माल बेच सकेंगे और इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं चुकाना होगा। इस समझौते को लागू करने के लिए दोनों पक्षों को अपनी-अपनी संसदों से स्वीकृति प्राप्त करनी होगी। उल्लेखनीय है कि यूरोपीय यूनियन में फ्रांस, जर्मनी, इटली समेत 27 देश हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा और संपन्न व्यापारिक क्षेत्र है। ब्रिटेन ने 31 जनवरी 2020 को यूरोपीय संघ छोड़ दिया था।


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