मानवाधिकार पर उठे सवाल पर भारत समेत आठ मुल्कों ने UN को दिया माकूल जवाब, 'COVID-19 से उबारिए'
संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि उनकी सरकारों की पहली प्राथमिकता उनके नागरिकों के जीवन को और खासकर समाज के सबसे कमजोर तबके को कोराना के प्रकोप से बचाना है।
जिनेवा, एजेंसी। भारत सहित आठ एशियाई मुल्कों ने मानवाधिकार पर संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त कार्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के उत्तर में कहा है कि कोरोना महामारी के प्रकोप के वक्त विश्व निकाय को एक जिम्मेदार की भूमिका निभानी चाहिए। इन मुल्कों ने ऐसे दायित्व के लिए इस निकाय से आग्रह किया है। भारत, इंडोनेशिया, कंबोडिया, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, थाईलैंड और वियतनाम के स्थायी मिशन द्वारा जारी एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोरोना महामारी के चलते दुनिया एक कठिन दौर से गुजर रही है। यह एक अभूतपूर्व समय है। ऐसे में उनकी सरकारों की पहली प्राथमिकता है कि उनके नागरिकों के जीवन को और खासकर समाज के सबसे कमजोर तबके को कोराना महामारी के प्रकोप और उसके प्रभाव से बचाया जाए।
गौरतलब है कि आठ देशों की संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति मानवाधिकार से संबंधित थी, खासकर कोरोना महामारी के दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हनन को लेकर थी। संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त कार्यालय ने भारत समेल आठ एशियाई मुल्कों पर कोरोना महामारी के दौरान मानवाधिकार हनन पर सवाल उठाए थे। संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह इस संदर्भ में है कि हमारी संबंधित सरकारों ने आवश्यक उपाय किए हैं। हमारे प्रचलित कानूनों और नियमों के अनुसार, गलत सूचना फैलाने वालों को और उनके गैर जिम्मेदाराना कार्यों के लिए जवाबदेह बनाने के लिए किया गया है। महामारी के संदर्भ में जो पहले से ही हमारे संसाधनों और क्षमताओं को सीमित कर चुका है, हमारी सरकारें इस विचार को दोहराती हैं कि हानिकारक गलत सूचनाओं और झूठों का प्रसार जो जनता के सेगमेंट को महत्वपूर्ण से अलग करने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।