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कठोर प्रतिबंध के बावजूद उत्तर कोरिया का बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में जुटा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रतिबंध के बावजूद उत्तर कोरिया अपने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में जुटा है। इस वैश्विक संस्था की ओर से सोमवार को जारी विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार प्योंगयांग दूसरे तरीकों से प्रतिबंधों से बचा हुआ है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 07:13 PM (IST)Updated: Tue, 05 Oct 2021 07:15 PM (IST)
कठोर प्रतिबंध के बावजूद उत्तर कोरिया का बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में जुटा
कठोर प्रतिबंध के बावजूद उत्तर कोरिया का बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में जुटा।

सियोल, एजेंसी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रतिबंध के बावजूद उत्तर कोरिया अपने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में जुटा है। इस वैश्विक संस्था की ओर से सोमवार को जारी विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार, प्योंगयांग दूसरे तरीकों से प्रतिबंधों से बचा हुआ है। अपनी खराब होती अर्थव्यवस्था के बावजूद उत्तर कोरिया परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइलों का विकास कर रहा है।

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हालांकि उसने हालिया दौर में किसी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल या परमाणु परीक्षण नहीं किया है। लेकिन इस अवधि में उत्तर कोरिया ने कम दूरी तक मार करने वाली कई बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया है। यूएनएससी प्रस्ताव के तहत उत्तर कोरिया कोई बैलिस्टिक मिसाइल का विकास या परीक्षण नहीं कर सकता है। विशेषज्ञों की समिति ने कहा है कि उत्तर कोरिया दूसरे देशों से अपने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए सामग्री एवं तकनीक लेना जारी रखे हुए है।

उत्‍तर कोरिया ने लंबी दूरी की अत्‍याधुनिक मिसाइलों का ताबड़तोड़ परीक्षण कर के पूरी दुनिया का ध्‍यान अपनी ओर खींचा है। उत्‍तर कोरिया के सरकारी मीडिया केसीएनए के हवाले से यह जानकारी दी है। ये परीक्षण ऐसे वक्‍त में किए गए हैं, जब अफगानिस्‍तान में तालिबान की वापसी हुई है और अमेरिका को वहां से बैरंग लौटना पड़ा है। उत्‍तर कोरिया का यह कदम इसलिए भी काबिले गौर है क्‍योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर लंबे जारी गतिरोध के खत्‍म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।

बता दें कि कि उत्‍तर कोरिया काफी लंबे समय से अमेरिका और दक्षिण कोरिया पर प्योंगयांग के प्रति शत्रुतापूर्ण नीति का आरोप लगाता रहा है। उत्तर कोरिया के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को खत्म करने के उद्देश्य से अमेरिका के साथ उसकी वार्ता साल 2019 से ही ठप है। मिसाइलों का परीक्षण करना उत्‍तर कोरिया की एक सोची समझी रणनीति का हिस्‍सा है। वह खुद पर लगे अंतरराष्‍ट्रीय प्रतिबंधों को खत्‍म करने के लिहाज से अमेरिका पर वार्ता का दबाव बनाने को लेकर भी ऐसे परीक्षण करता रहा है।


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