ताइवान ने चीन पर तरेरी आंखें, राष्ट्रपति साई ने दुनिया से कहा- चीन के खिलाफ कुछ करो
लोकतांत्रिक ताइवान को चीन अपना हिस्सा मानता है। चीन ने पूर्वी एवं दक्षिण चीन सागर की तरह ताइवान के इर्द-गिर्द भी अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा रखी हैं।
ताइपे, रायटर। ताइवान ने एक बार फिर चीन पर आखें तरेरी हैं। राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने दक्षिण चीन सागर और ताइवान की खाड़ी में चीन के आक्रामक रवैये की तरफ इशारा करते हुए इसे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अस्थिरता पैदा हो सकती है और इसके खिलाफ दुनिया के लोकतांत्रिक देशों को एक साथ आना चाहिए।
राष्ट्रपति साई ने कहा- लोकतंत्र की रक्षा के लिए ताइवान सबसे आगे खड़ा है
ताइपे में आयोजित एक कार्यक्रम में ताइवानी सुरक्षा अधिकारियों और पश्चिमी राजनयिकों के बीच साई ने कहा कि अधिनायकवादी आक्रामकता से लोकतंत्र की रक्षा के लिए ताइवान सबसे आगे खड़ा है।
एकतरफा आक्रामक कार्रवाइयों पर अंकुश लगाने के लिए मित्र देशों को एक तंत्र बनाना चाहिए
उन्होंने कहा कि इस समय समान सोच वाले लोकतांत्रिक और मित्र देशों को मिलकर एक ऐसा तंत्र बनाना चाहिए जो एकतरफा आक्रामक कार्रवाइयों पर अंकुश लगा सके। उन्होंने एक ऐसी रणनीति की जरूरत बताई जिससे युद्ध को टाला जा सके, लोकतंत्र की रक्षा हो और बातचीत से समस्या का समाधान निकले।
चीन ने पूर्वी एवं दक्षिण चीन सागर की तरह ताइवान में भी सैन्य गतिविधियां बढ़ाईं
लोकतांत्रिक ताइवान को चीन अपना हिस्सा मानता है। चीन ने पूर्वी एवं दक्षिण चीन सागर की तरह ताइवान के इर्द-गिर्द भी अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा रखी हैं।