Covid 19 Vaccination: भारत की मदद से कोरोना को हराएगा भूटान, बड़े पैमाने पर टीकाकरण हुआ शुरू
वैक्सीन डिप्लोमेसी के तहत भारत अपने पड़ोसी देशों की महामारी में भरपूर मदद कर रहा है। भारत से भेजी गई वैक्सीन पहुंचने के बाद भूटान में टीकाकरण का काम शुरू हो गया है। यहां पर बड़े अभियान के तौर पर वैक्सीन लगाने का काम शुरू कर दिया गया है।
काठमांडू, एजेंसियां। वैक्सीन डिप्लोमेसी के तहत भारत अपने पड़ोसी देशों की महामारी में भरपूर मदद कर रहा है। भारत से भेजी गई वैक्सीन पहुंचने के बाद भूटान में टीकाकरण का काम शुरू हो गया है। यहां पर बड़े अभियान के तौर पर वैक्सीन लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। सरकारी इमारतों और स्कूलों को वैक्सीन केंद्र बनाया गया है। भूटान की आबादी लगभग आठ लाख है। भारत के सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड वैक्सीन की डेढ़ लाख डोज भूटान को प्राप्त हुई हैं। इसी माह भूटान को चार लाख वैक्सीन डोज और पहुंचाई जाएंगी। भारत से शनिवार को एक लाख वैक्सीन की खेप नेपाल के लिए भेजी गई है। एयर इंडिया का विशेष विमान वैक्सीन लेकर गया है। मौसम खराबी के कारण विमान को उतरने में दिक्कत का सामना करना पड़ा। नेपाल को पूर्व में भारत में बनी साढ़े तीन लाख की वैक्सीन डोज कोवैक्स अभियान के तहत भेजी गई थी।
कोरोना के नए वेरिएंट से बचने को बूस्टर डोज
ब्रिटेन के वैक्सीन मंत्री नाधिम जहाबी ने कहा है कि कोरोना के विभिन्न वेरिएंट से बचने के लिए सितंबर माह से वैक्सीन का बूस्टर डोज देना शुरू कर दिया जाएगा। यह बूस्टर डोज सबसे पहले सीनियर सिटीजन को मिलेगा।
वैक्सीन को निरंतर अपडेट करने की जरूरत
बर्लिन, प्रेट्र। विज्ञानियों का मानना है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को देखते हुए भविष्य में वैक्सीन को अपडेट करने की जरूरत पड़ेगी। विश्वभर में लग रही वैक्सीन के अपडेट करने से ही नए वेरिएंट से लड़ने के लिए प्रतिरोधक एंटीबॉडीज तैयार होंगी। जर्मनी के बर्लिन में विज्ञानियों ने कोरोना के नए वेरिएंट पर शोध करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है।