अफगान राष्ट्रपति चुनाव में डाले गए वोटों की दोबारा गिनती शुरू, जानिए इसके पीछे की वजह
अफगानिस्तान चुनाव आयोग ने 28 सितंबर को राष्ट्रपति चुनाव में डाले गए वोटों की सोमवार को दोबारा गिनती शुरू की।
काबुल, एजेंसी। अफगानिस्तान के स्वतंत्र चुनाव आयोग (आईईसी) ने गत 28 सितंबर को राष्ट्रपति चुनाव में डाले गए वोटों की सोमवार को दोबारा गिनती शुरू की। ऐसा बड़ी संख्या में अवैध मतपत्र पाए जाने के बाद किया जा रहा है।
चुनाव आयोग ने बीते शनिवार को चुनाव में पड़े वोटों की नई संख्या जारी करते हुए बताया था कि बायोमीट्रिक डर्मलॉग ने 19 लाख 29 हजार 333 मतों में से 18 लाख 43 हजार 107 मतपत्रों को वैध पाया। इन्हें आईईसी के डाटाबेस में भेज दिया गया है।
फर्जी वोट से कोई न पहुंचे राष्ट्रपति भवन
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार शहाब हकीमी ने कहा, 'उम्मीदवारों का मानना है कि अगर एक भी फर्जी वोट के जरिए कोई राष्ट्रपति भवन पहुंचता है तो यकीनन यह स्वीकार्य नहीं होगा।'
चुनाव आयोग पर आरोप
जबकि दूसरा कार्यकाल पाने की हो़ड़ में शामिल राष्ट्रपति अशरफ गनी की चुनाव प्रचार टीम के सदस्य कादर हूदखेल ने कहा, 'यह चुनाव आयोग की तकनीकी विफलता है और इसका समाधान कर लिया गया है। किसी को इसे धांधली नहीं कहना चाहिए।'
चुनाव आयोग पर दबाव
चुनाव आयोग हाल के हफ्तों में उस समय दबाव में आ गया था, जब धांधली और तकनीकी गड़बड़ी की कई खबरें मीडिया में आई थीं। पिछले कुछ हफ्तों के दौरान अब्दुल्ला अब्दुल्ला और गनी समेत राष्ट्रपति पद के 15 उम्मीदवारों की टीमों ने गड़बड़ी के आरोप लगाकर मतगणना में बाधा खड़ी की। मतगणना के कुछ दिन बाद ही अब्दुल्ला अब्दुल्ला और गनी की टीमों ने चुनाव में अपनी-अपनी जीत का दावा कर दिया था। इस पर दूसरे उम्मीदवारों ने सवाल खड़े किए थे।
चुनाव में कम पड़े थे वोट
राष्ट्रपति चुनाव में 96 लाख पंजीकृत मतदाताओं में से महज 27 लाख ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। अफगानिस्तान में 2001 में लोकतंत्र की स्थापना होने के बाद यह सबसे कम मतदान है।