Coronavirus: पोप फ्रांसिस बोले- 'जो इन दिनों सामने आए हैं, वो असली नायक'
धर्मगुरु ने कहा- उन असली नायकों की ओर देखो जो इन दिनों सामने आए हैं। इससे पहले उन्हें कोई जानता नहीं था वे अमीर नहीं थे और सफल भी नहीं थे।
वेटिकन सिटी, एपी। ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने श्रद्धालुओं से इतर अकेले में पाम संडे मनाया। सटे इटली में कोरोना वायरस से हो रही तबाही के बीच पोप ने कहा, लोगों को वह करना चाहिए-जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हो। अपने दुख से भले ही मन भारी हो लेकिन हमें दूसरों की सेवा का उद्देश्य नहीं भूलना चाहिए।
धर्मगुरु ने कहा- उन असली नायकों की ओर देखो, जो इन दिनों सामने आए हैं। इससे पहले उन्हें कोई जानता नहीं था, वे अमीर नहीं थे और सफल भी नहीं थे। लेकिन इन थोड़े से दिनों में उन्होंने बड़े काम कर जीवन सफल बना लिया। उनसे सीखना चाहिए। जाहिर है पोप का इशारा सेवा कार्य में लगे डॉक्टरों और नर्सो की ओर था।
पोप पिछले कई हफ्तों से इटली में जारी लॉकडाउन के चलते विशेषज्ञों की सलाह पर अकेले या ऑनलाइन ही धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा कर रहे हैं। वह अपनी प्रार्थना में ईश्वर से दया की दरकार करते रहे हैं। सेवा को मानव धर्म का सबसे बड़ा कर्म बताते रहे हैं। रविवार को पाम संडे के अवसर पर भी पोप ने यही संदेश दिया। बीते वर्षो में इस मौके पर दसियों हजार श्रद्धालु और पर्यटक हाथ में जैतून की पत्तियों वाली डंडियां लेकर पोप के नेतृत्व वाले इस आयोजन में शामिल होते रहे हैं।
उनके प्रवचन सुनते रहे हैं लेकिन इस बार पोप ने सेंट पीटर्स बैसीलिका के भीतर ही यह धार्मिक आयोजन पूरा किया। इस दौरान उनके साथ कुछ सहायक, कुछ अतिथि, नन और चंद अभावग्रस्त लोग थे। ये सभी लोग दूर-दूर बैठे थे और उसी रूप में प्रार्थना के दौरान खड़े हुए। इस दौरान लाल वस्त्रों में पोप ने उस मौके को याद किया जब प्रभु ईसा मसीह ने बलिदान किया था। कहा, इस समय महामारी के असर ने तमाम सुरक्षा के दावों को झूठा साबित कर दिया है। तमाम उम्मीदें और इंतजाम नाकाफी साबित हो गए हैं। हमारा हृदय खालीपन और बेचैनी से भरा हुआ है।
ऐसे ही मौके के लिए प्रभु यीशु ने कहा था, हिम्मत बांधो और मेरे प्यार के लिए अपना हृदय खोलो। पोप ने कहा, छद्म आवरण हटाकर लोग जीवन के असल उद्देश्यों की ओर ध्यान दें। इस आपदा ने हमें सिखाया है कि चीजों को गंभीरता से लिया जाए। संकेतों की गंभीरता को समझा जाए।