भारत ने भेजी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन, पैरासिटामॉल सहित 23 टन जरूरी दवाएं, नेपाल ने कहा- शुक्रिया
Coronavirus Outbreak जरूरत के वक्त भारत सरकार की इस मदद पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है।
काठमांडू, एएनआइ। भारत ने कोरोना से मुकाबले के लिए नेपाल को मदद के तौर पर 23 टन आवश्यक दवाएं दी हैं। दवा की यह खेप बुधवार को भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्र ने नेपाल के स्वास्थ्य मंत्री भानुभक्त धाकल को सौंपी। इसमें कोरोना के खिलाफ अहम मानी जा रही हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के अलावा पैरासिटामॉल व अन्य दवाएं शामिल हैं।
जरूरत के वक्त भारत सरकार की इस मदद पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है। उन्होंने इसे भारत की उदारता भरी मदद कहा है। कोरोना संक्रमण से निपटने को लेकर दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच इस महीने टेलीफोन पर बात हुई थी। इससे पहले कोरोना के खिलाफ मिलकर प्रयास करने की पीएम मोदी की अपील पर 15 मार्च को सार्क देशों की बैठक में भी दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई थी।
भारत ने अफगानिस्तान को भेजी दवाएं
कोरोना वायरस की वैश्विक लड़ाई में भारत ने अफगानिस्तान को हाइड्रॉक्सक्लोरोक्वीन, पैरासिटामॉल सहित गेहूं सहित अन्य राहत सामग्री भेजी है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के लोगों का शुक्रिया अदा किया है। इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात(UAE) ने भारत को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवाएं भेजने के लिए शुक्रिया कहा था।
भारत कर रहा कई देशों की मदद
कोरोना को मात देने में सक्षम समझी जाने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) की आपूर्ति को लेकर भारत अभी दुनिया का सबसे अग्रणी देश बन गया है। अभी 55 से अधिक देशों ने भारत से इस दवा को खरीदने का आग्रह किया है।अमेरिका, ब्रिटेन जैसे शक्तिशाली देश भारत से इस दवा को खरीद रहे हैं लेकिन गुआना, डोमिनिक रिपब्लिक, बुर्कीनो फासो जैसे गरीब देश भी हैं जिन्हें भारत अनुदान के तौर पर इन दवाओं की आपूर्ति करने जा रहा है।
भारत डोमिनिकन रिपब्लिक, जांबिया, युगांडा, बुर्कीना फासो, मेडागास्कर, नाइजर, मिस्र, माली कॉन्गो, अर्मेनिया, कजाखिस्तान, जमैका, इक्वाडोर, यूक्रेन, सीरिया, चाड, फ्रांस, जिंबाब्वे, जॉर्डन, केन्या, नाइजीरिया, नीदरलैंड्स, पेरू और ओमान शामिल हैं। साथ ही, फिलिपींस, रूस, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया, स्लोवानिया, उज्बेकिस्तान, कोलंबिया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), उरुग्वे, बहामास, अल्जीरिया और यूनाइटेड किंगडम (यूके) को भी मलेरिया रोधी गोलियां भेजा जा चुकी हैं।