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Coronavirus in India: भारत के हालात विनाशकारी, यह दिखाते हैं वायरस क्या कर सकता है : डब्लूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अधोनम घेब्रेयेसस ने शुक्रवार को कहा कि वह भारत में तेजी से बढ़ते मामलों से बेहद चिंतित हैं। जेनेवा में वर्चुअल ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने कहा भारत में हालात विनाशकारी हैं जो याद दिलाते हैं कि वायरस क्या कर सकता है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 10:27 AM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 10:27 AM (IST)
Coronavirus in India: भारत के हालात विनाशकारी, यह दिखाते हैं वायरस क्या कर सकता है : डब्लूएचओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अधोनम घेब्रेयेसस

जिनेवा, एजेंसी। देश में हाहाकार मचा रही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अधोनम घेब्रेयेसस ने शुक्रवार को कहा कि वह भारत में तेजी से बढ़ते मामलों से बेहद चिंतित हैं। जेनेवा में वर्चुअल ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने कहा, 'भारत में हालात विनाशकारी हैं जो याद दिलाते हैं कि वायरस क्या कर सकता है।' घेब्रेयेसस ने कहा, आक्सीजन बेड्स और रेमडेसिविर जैसी प्रमुख आपातकालीन दवा की जबर्दस्त कमी के बीच ऐसा लगता है कि देश में हर गुजरते दिन के साथ स्थिति हाथ से निकलती जा रही है। 

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उन्होंने कहा कि 25 से 59 वर्ष की उम्र वाले लोगों में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। यह खतरे की घंटी है। यह कोरोना के नए वैरिएंट के ज्यादा संक्रामक होने का नतीजा हो सकता है। दुनियाभर में टीकाकरण में तेजी लाने की जरूरत है। डॉक्‍टर टेड्रोस ने हालातों के मद्देनजर दक्षिण-पूर्व एशिया में सभी स्वास्थ्य उपायों के पूरी तरह से इस्‍तेमाल करने की सलाह दी है जिससे संक्रमण से होने वाली मौतों के आंकड़ों को कम किया जा सके।

भारतीय मिशन कई कंपनियों के संपर्क में

उधर, कई देशों में स्थित भारतीय मिशन वहां आक्सीजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन और अन्य दवा के लिए सरकारों एवं कंपनियों से बात कर रहे हैं। आक्सीजन की आपूर्ति को लेकर यूएई, सिंगापुर और कुछ दूसरे दक्षिणी पूर्वी एशियाई से बात की जा रही है। रूस ने भी आक्सीजन आपूर्ति में मदद की पेशकश की है। भारतीय विशेषज्ञों का मानना है कि रूस की मदद काफी महत्वपूर्ण हो सकती है। रूस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन देने का भी प्रस्ताव किया है जिसे भारत दो हफ्तों में पहुंचाई जा सकती है।

कच्चे माल पर अमेरिका की चुप्पी

ज्ञात रहे कि ईयू, ब्रिटेन और अमेरिका तीन ऐसे देश हैं जो भारत में वैक्सीन निर्माण में जरूरी कच्चे माल की आपूर्ति नहीं कर रहे। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से गुरुवार को भी इस बारे में सवाल पूछा गया तो उनका रवैया टालने वाला था। प्रवक्ता ने साफ तौर पर कहा कि अमेरिका के लिए अपने नागरिकों की सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता है।


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