कोरोना के कारण लाखों अफ्रीकियों को करना पड़ सकता हैं गरीबी का सामना: संयुक्त राष्ट्र
यूएन महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने बुधवार को कहा कि कोरोना महामारी अफ्रीका के विकास को रोक सकती है और लाखों लोगों को इसकी वजह से अत्यंत गरीबी का सामना करना पड़ सकता है।
संयुक्त राष्ट्र, एपी। कोरोना के प्रकोप से पूरी दुनिया डरी हुई है, इस बीच संयुक्त राष्ट्र की तरफ से अफ्रीका को लेकर गंभीर चेतावनी दी गई है। यूएन महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने बुधवार को कहा कि कोरोना महामारी अफ्रीका के विकास को रोक सकती है और लाखों लोगों को इसकी वजह से अत्यंत गरीबी का सामना करना पड़ सकता है।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने "अफ्रीका में COVID-19 के प्रभाव" पर एक नीति रिपोर्ट जारी करते हुए एक वीडियो संदेश में कहा कि इस महाद्वीप के देशों ने संकट का तेजी से जवाब दिया है और अभी तक यहां कोरोना की संख्या उससे कम दर्ज की गई है जितने का अनुमान लगाया जा रहा था। इसके अलावा यहां 2,500 मौतें दर्ज की गई हैं। कोरना वायरस का प्रकोप महाद्वीप के हर देश में है और इनमें से ज्यादातर में संक्रमितों की संख्या 1000 से कम है। उन्होंने कहा कि इन कम आंकड़ों से यह उम्मीद भी जगी है कि अफ्रीका को शायद महामारी की खतरनाक स्थिति का सामना ना करना पड़े। लेकिन हम इससे खुश नहीं हो सकते हैं, संक्रमितों की संख्या कम दर्ज होने का एक कारण यह भी हो सकता है कि वहां ज्यादा टेस्टिंग ना हो सकी हो।
यहां वायरस अभी शुरूआती दौर में है ऐसे में सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। अगर इन देशों में वायरस की अनदेखी या धीमा पैटर्न दोहराया गया तो मामलों की संख्या में घातीय वृद्धि हो सकती है। ज्यादातर अफ्रीकी देशों में गरीबी, चिकित्सीय सेवाओं की कमी है ऐसे में पर्याप्त सावधानियां बरतनी जरूरी हैं।
गौरतलब है कि दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 49 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक इस वैश्विक महामारी से विश्व की 49 लाख 11 हजार 9 सौ 2 आबादी प्रभावित है, जबकि मरने वालों की संख्या 3 लाख 23 हजार 5 सौ 79 पहुंच गई है। वहीं 1,701,024 मरीज अभी तक इस घातक वायरस से ठीक हो चुके हैं।