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Corona Impact : जर्मनी में घट गई शादियों की संख्या, बढ़ गए घरेलू हिंसा और तलाक के मामले

दुनिया के तमाम देशों में कोरोना काल में समस्याएं देखने को मिली। कोरोना महामारी के कारण जर्मनी में बहुत से लोगों को अपनी शादी की योजना या तो बदलनी पड़ी है या फिर शादी का इरादा ही छोड़ देना पड़ा है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 05:32 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 05:32 PM (IST)
Corona Impact : जर्मनी में घट गई शादियों की संख्या, बढ़ गए घरेलू हिंसा और तलाक के मामले
कोरोना के कारण जर्मनी में कई शादियां कैंसल हो गई।

नई दिल्ली, एएफपी/ऑनलाइन डेस्क। कोरोना महामारी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक नुकसान भी हुआ है। शादी विवाह जैसे कार्यक्रमों पर पूरी तरह से रोक लग गई। अप्रैल से लेकर अगस्त तक तो इस तरह के सारे कार्यक्रम पूरी तरह से रूके हुए थे। यदि किसी को कार्यक्रम करना भी था तो उसके लिए लिमिट तय कर दी गई थी। दुनिया के तमाम देशों में कोरोना काल में समस्याएं देखने को मिली। कोरोना महामारी के कारण जर्मनी में बहुत से लोगों को अपनी शादी की योजना या तो बदलनी पड़ी है या फिर शादी का इरादा ही छोड़ देना पड़ा है।

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जर्मनी में 20 फीसद कम हुई शादियां

जर्मनी में भी शादियां जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होती है। इस मौके पर दोनों परिवारों के लोग अपने परिजनों और रिश्तेदारों के अलावा संगी साथियों को भी इसमें आमंत्रित करते हैं। लेकिन कोरोना रोकने के लिए लगाई गई पाबंदियों के कारण ऐसा हो नहीं पा रहा था। यहां शादियां सरकारी रजिस्ट्रेशन दफ्तर और चर्चों में होती हैं। चर्च तो पूरी तरह बंद थे, रजिस्ट्रेशन दफ्तरों में भी लोग नहीं आ रहे थे।

जर्मन सरकार के आंकड़ों के अनुसार इस साल की पहली छमाही में करीब 20 फीसदी कम शादियां हुई हैं। जर्मन सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार पिछले साल जनवरी से जून तक 139,900 शादियां हुई थीं जबकि इस साल इसी अवधि में 29,200 कम शादियां हुईं। तीस साल पहले जर्मनी के एकीकरण के बाद सिर्फ 2007 ही ऐसा साल था जब इससे कम शादियां हुई थीं। उस समय पहली छमाही में 138,800 लोगों ने शादी की थी लेकिन एक वजह ये भी थी कि बहुत से लोग 7 जुलाई का इंतजार कर रहे थे। 07.07.07 की वजह से यह दिन शादी के लिए बहुत ही लोकप्रिय दिन था। 

बेहतर तारीखों पर शादी के बंधन में बंधे

इस साल भी कोरोना महामारी से पहले 02/02/2020 और 20/02/2020 बेहतरीन तारीखें थीं, ये आसानी से याद रखे जाने वाले दिन थे, इस वजह से बहुत से कपल्स ने इन दिनों को शादी के लिए चुना था। इस साल फरवरी के महीने 21,500 लोगों ने शादी की जो एक साल पहले के मुकाबले 7,300 ज्यादा शादियां थीं। मार्च के अंतिम सप्ताह में कोरोना का प्रसार हो जाने की वजह से इन सभी पर रोक लग गई। जो अभी तक जारी है। सरकार की ओर से ही ये भी कदम उठाए गए थे।

कोरोना संकट के कारण पाबंदियां शुरू हो गईं और रजिस्ट्रेशन ऑफिसों ने भी एहतियाती कदम उठाए। कुछ ऑफिसों को पूरी तरह बंद कर दिया गया तो कुछ ने कम कर्मचारियों के साथ काम किया। बहुत से रजिस्ट्रेशन ऑफिसों ने शादी के समारोहों को छोटा कर दिया या उन्हें पूरी तरह रद्द कर दिया। मार्च और अप्रैल की पाबंदियों के बाद मई और जून में हालात सुधरे और फिर से ज्यादा लोगों ने शादियां कीं हालांकि जून में हुई 39,700 शादियों की संख्या संकट शुरू होने से पहले के स्तर से काफी कम रहीं। 

महामारी के दौरान तलाक के मामलों में हुई बढ़ोतरी

जर्मनी में कोरोना महामारी के कारण शादियां कम हुईं हैं तो बहुत से देश ऐसे हैं जहां लॉकडाउन के दौरान तलाक के मामले बढ़ गए। ऐसे परिवारों में जहां पति पत्नी के बीच नहीं बनती थी या दोनों के बीच मारपीट हो रही थी, वहां लॉकडाउन ने उन्हें सारा समय साथ रहने को मजबूर कर दिया। जापान में कोरोना डाइवोर्स शब्द ही चल पड़ा है। कोविड-19 से पहले जापान में घरेलू हिंसा के खिलाफ मदद मांगने वाली महिलाओं की संख्या पिछले 16 सालों से लगातार बढ़ रही थी। कोरोना महामारी के बाद ऐसे मामलों में और बढ़ोतरी हो गई।

मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार अप्रैल 2020 में करीब 13,000 महिलाओं ने घरेलू हिंसा विरोधी दफ्तर की मदद ली जो एक साल पहले के मुकाबले 1.3 गुना ज्यादा थी। इस साल दुनिया भर से महिलाओं ने लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा की शिकायत की। जापान, दक्षिण कोरिया और हांगकांग जैसे एशियाई इलाकों में लैंगिक हिंसा (Sexual violence)और सामाजिक आर्थिक असमानताएं कोरोना महामारी के साइड इफेक्ट के रूप में सामने आए।  


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