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नेपाल में चीनी राष्ट्रपति ने दिखाए तेवर, कहा- चीन को बांटने की कोशिश करने वाले को कुचलकर रख देंगे

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव शी चिनफिंग ने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के सह अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड को चीनी लोगों का पुराना दोस्त बताया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 02:34 AM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 07:17 AM (IST)
नेपाल में चीनी राष्ट्रपति ने दिखाए तेवर, कहा- चीन को बांटने की कोशिश करने वाले को कुचलकर रख देंगे
नेपाल में चीनी राष्ट्रपति ने दिखाए तेवर, कहा- चीन को बांटने की कोशिश करने वाले को कुचलकर रख देंगे

काठमांडू, प्रेट्र। नेपाल के शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रविवार को चेतावनी दी कि चीन को विभाजित करने के किसी भी प्रयास को कुचलकर रख दिया जाएगा। शी की इस टिप्पणी को नेपाल में दलाई लामा और उनके समर्थकों पर लगाम लगाने के लिए काठमांडू पर दबाव के प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, बीजिंग, भारत में रहने वाले तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को अलगाववादी के तौर पर देखता है और उसका मानना है कि वे हिमालयी क्षेत्र तिब्बत को चीन से अलग करने की कोशिश कर रहे हैं।

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बाहरी ताकतों के लिए एक सपना

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक रविवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ बैठक के दौरान शी ने कहा कि चीन को विभाजित करने का प्रयास करने वाले किसी भी व्यक्ति को कुचल दिया जाएगा। इतना ही नहीं, चीन को विभाजित करने के ऐसे प्रयासों का समर्थन करने वाली किसी भी बाहरी ताकत को चीनी लोग कभी पूरा नहीं होने देंगे और वह बाहरी ताकतों के लिए एक सपना बनकर रह जाएगा जो कभी पूरा नहीं होगा।

20 हजार तिब्बती नेपाल में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं

नेपाल की तिब्बत के साथ एक लंबी सीमा लगती है। साथ ही लगभग 20 हजार तिब्बती नेपाल में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इतना ही नहीं, लगभग ढाई हजार तिब्बती नागरिक धर्मशाला में धर्मगुरु दलाई लामा से मिलने के लिए प्रत्येक वर्ष अवैध रूप से प्रवेश करते हैं। बता दें कि शी दो दिवसीय नेपाल यात्रा पर शनिवार को काठमांडू पहुंचे हैं। शी पिछले 23 सालों में नेपाल का दौरा करने वाले चीन के पहले राष्ट्राध्यक्ष हैं।

चीन दो साल में नेपाल को देगा 350 करोड़ की सहायता

चीन अगले दो साल में नेपाल को उसके विकास कार्यक्रमों तथा जमीनी संपर्क मार्ग से जुड़ा देश बनाने के लिए 56 अरब नेपाली रुपये (350 करोड़ रुपये) की सहायता देगा। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने यहां नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के साथ शनिवार को हुई बातचीत के दौरान यह घोषणा की। शी ने काठमांडू को तातापानी ट्रांजिट प्वाइंट से जोड़ने वाले अर्निको राजमार्ग को दुरुस्त करने का भी वादा किया। यह राजमार्ग 2015 के भूकंप के बाद से बंद है। इसके अलावा चीन ट्रांस हिमालयन रेलवे की फिजिबिलिटी (संभाव्यता) को लेकर भी शीघ्र अध्ययन शुरू करेगा। साथ ही केरुंग-काठमांडू टनल मार्ग के निर्माण में मदद का भी बीजिंग ने भरोसा जताया है।

हमारी दोस्ती दुनिया में आदर्श: चिनफिंग

राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी द्वारा शनिवार को दिए गए रात्रिभोज के दौरान शी ने कहा, 'हमारी दोस्ती दुनिया में आदर्श है और दोनों देशों के बीच कोई विवाद नहीं है।' शी ने कहा कि वह और विद्या देवी, दोनों देशों के बीच करीबी संबंधों, दोस्ती और साझेदारी को विकसित करने पर सहमत हुए हैं। यह सहमति नेपाल की समृद्धि और विकास में मददगार साबित होगी। शी ने कहा, 'हम नेपाल के चारों ओर से दूसरे देशों के भूभाग से घिरे देश के बजाय उसके जमीनी संपर्क मार्ग से जुड़े होने के सपने को साकार करने में मदद करना चाहते हैं।'

नेपाल ने 'एक चीन नीति' पर समर्थन दोहराया

नेपाल की राष्ट्रपति ने 'एक चीन नीति' पर अपने देश का समर्थन दोहराया और कहा कि नेपाल किसी भी शक्ति को चीन के खिलाफ अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं करने देगा। वहीं रविवार को शी के साथ मुलाकात के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी कहा कि उनका देश अपनी धरती पर किसी भी तरह की चीन विरोधी गतिविधियों का विरोध करेगा।

शी ने प्रचंड को चीनी लोगों का पुराना दोस्त बताया

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रविवार को नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के सह अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के साथ बातचीत की और दोनों नेताओं ने अंतर-पार्टी विचारों के आदान-प्रदान करने पर सहमति व्यक्ति की। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव शी ने प्रचंड को चीनी लोगों का पुराना दोस्त बताया। शिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक शी ने कहा, 'आपने और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मिलकर नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी बनाने का निर्णय लिया, जिसने नेपाल की राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक विकास के नए दरवाजे खोले हैं।' शी ने कहा कि चीन और नेपाल पहाड़ों और नदियों से बंधे हैं और यह होंठ और दांतों जितने नजदीक हैं।


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