Mekong Dam Monitor project: मेकांग नदी पर बने चीनी बांधों का जलस्तर मापेगा अमेरिका
चीन से निकलकर म्यांमार लाओस थाइलैंड कंबोडिया और वियतनाम तक बहने वाली 4350 किलोमीटर लंबी मेकांग नदी पर बने चीन के बांधों के जलस्तर को सेटेलाइट से मापने और उसे प्रकाशित करने के लिए एक प्रोजेक्ट की वाशिंगटन ने शुरुआत की है।
बैंकॉक, रायटर। मेकांग नदी पर बने बांधों को लेकर अब अमेरिका और चीन में ठन गई है। अमेरिका ने नदी पर बने चीन के बांधों के जलस्तर को सेटेलाइट से मापने और उसे प्रकाशित करने के लिए विदेश विभाग द्वारा वित्त पोषित एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। बता दें कि मेकांग नदी 4,350 किलोमीटर (2,700 मील) लंबी है और यह चीन से निकलकर म्यांमार, लाओस, थाइलैंड, कंबोडिया और वियतनाम तक बहती है।
बीजिंग ने उस अमेरिकी शोध को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि चीन द्वारा बनाए गए बांधों से अनुप्रवाह (डाउनस्ट्रीम) देशों में सूखे की स्थिति देखी गई है। खास बात यह है कि यहां रहने वाले 60 लाख लोगों की आजीविका कृषि और मछली पालन पर निर्भर है। द 'मेकांग डैम मॉनीटर' बांधों में जलस्तर को मापने के लिए क्लाउड पियर्सिग सेटेलाइट से मिले डाटा का उपयोग करता है।
जलस्तर से संबंधित डाटा मंगलवार से सभी के लिए उपलब्ध होगा। इसमें 'सरफेस वेटनेस' का एक संकेतक होगा जो यह दिखाएगा कि क्षेत्र के कौन से हिस्से सामान्य से अधिक गीले या सूखे हैं। एक तरह की गाइड होगी, जिससे यह पता चल सकेगा कि बांधों के चलते कितना प्राकृतिक प्रवाह प्रभावित हो रहा है। वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक स्टीम्सन सेंटर के ब्रियान ईलर ने कहा, 'मॉनीटर से पता चलता है कि चीन द्वारा हाइड्रो पावर के लिए मुख्यधारा में बनाए गए 11 बांधों से डाउनस्ट्रीम में बसे देश प्रभावित हो रहे हैं।'
चीन में लांकांग (Lancang) नाम से जानी जाने वाली इस नदी पर इन दिनों अमेरिका और चीन के बीच ठन गई है। बीजिंदग ने अमेरिका के उस रिसर्च को खारिज कर दिया है जिसमें दावा किया गया है कि चीनी बांधों में पानी को स्टोर किया गया है और निचले क्षेत्रों में स्थित देशों को यह नहीं मिल पा रहा है जहां मतस्यपालन और खेती इसी नदी पर निर्भर है।