China-Taiwan Conflict: ताइवान को डराने के लिए चीन ने एक बार फिर दिखाई अपनी सैन्य ताकत, जानिए पूरा मामला
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इसी बात की ओर इशारा करते हुए गुरुवार को कहा गया कि 21 चीनी सैन्य विमानों और 6 चीनी नौसैनिकों की जहाज का पता लगाया है जो ताइवान स्ट्रेट (Taiwan Strait) के आसपास मंडरा रहे थे।
ताइपेई, एजेंसी। ताइवान पर कब्जा करने के लिए चीन हर संभव प्रयास कर रहा है। चीन द्वारा लगातार सैन्य ताकतों के जरिए ताइवान को डराने-धमकाने की कोशिश की जा रही है। समाचार एजेंसी पीटीाआइ के मुताबिक, ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इसी बात पर चिंता जाहिर करते हुए गुरुवार को कहा गया कि 21 चीनी सैन्य विमानों और 6 चीनी नौसैनिकों की जहाज का पता लगाया है, जो ताइवान जलडमरूमध्य (Taiwan Strait) के आसपास मंडरा रहे थे।
हम तनाव को बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे: त्साई इंग-वेन ने
गुरुवार को ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने कहा कि ताइवान पर चीन का खतरा कम नहीं हुआ है लेकिन हम तनाव को बढ़ाने और युद्ध करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। बता दें कि कुछ दिनों पहले अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के खिलाफ ताइवान स्ट्रेट में चीन ने युद्धपोतों की संख्या जबरदस्ता ढंग से बढ़ा दी थी। चीन की सेना ने बुधवार को कहा कि चीनी सेना ने ताइवान के आसपास विभिन्न कार्यों को पूरा कर चुके हैं और नियमित गश्त का संचालन करता रहेगा। साथ ही साथ चीन ताइवान पर दबाव बनाना जारी रखेगा।
चीनी सेना के सैन्य अभ्यास के चौथे और अंतिम दिन रविवार को चीन और ताइवान के युद्धपोतों की मौजूदगी समुद्र में दिखी। ताइवान स्ट्रेट में दोनों देशों के दस-दस युद्धपोत काफी नजदीक आकर कई घंटे तक अपनी सैन्य गतिविधियों को अंजाम देते रहे। हालांकि, इस दौरान कुछ चीनी युद्धपोतों ने मीडियन लाइन को भी पार किया। यह लाइन ताइवान द्वारा घोषित समुद्री सीमा रेखा है लेकिन चीन इसे नहीं मानता।
रविवार को भी ताइवान स्ट्रेट पर चीनी विमानों के देखा गया
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसने 14 चीनी युद्धपोतों और 66 चीनी विमानों का पता लगाया है। मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग ने रविवार को ताइवान स्ट्रेट और उसके आसपास रविवार को भी सैन्य अभ्यास जारी रखा। वहीं चीन के सरकारी टेलीविजन पर एंकर ने कहा, यह ऐतिहासिक अभ्यास था। इसमें चीन का एकीकरण महसूस किया गया। चार दिनों के सैन्य अभ्यास में चीनी सेना की लगातार कोशिश रही कि वह ताइवान स्ट्रेट के मध्य की आभासी मीडियन लाइन पार करे। ताइवान की घोषित सीमा रेखा का उल्लंघन करे। इससे वह एकीकृत चीन की अवधारणा को पुष्ट और ताइवान की संप्रभुता को खारिज करना चाह रही थी।