चीन ने दिए अपने नागरिकों को तुरंत अफगानिस्तान छोड़ने के निर्देश, जानें इसकी वजह
चीन ने अपने नागरिकों को तत्काल अफगानिस्तान छोड़ने को कहा है। यह चेतावनी ऐसे वक्त में आई है जब अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ ही अफगान सुरक्षा बलों और तालिबान आतंकवादियों के बीच लड़ाई तेज हो गई है।
बीजिंग, पीटीआइ। चीन ने अफगानिस्तान में भड़की हिंसा को देखते हुए अपने नागरिकों को इस युद्धग्रस्त देश को तत्काल छोड़ने को कहा है। यह चेतावनी ऐसे वक्त में आई है जब अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ ही अफगान सुरक्षा बलों और तालिबान आतंकवादियों के बीच लड़ाई तेज हो गई है। यही नहीं तालिबान आतंकियों ने अफगानिस्तान के दर्जनों नए जिलों पर कब्जा कर लिया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक दूतावास ने चीनी नागरिकों और संगठनों को अतिरिक्त सावधानी बरतने और स्थिति बिगड़ने पर अपनी आपातकालीन तैयारियों को मजबूत करने को कहा है। दूतावास ने एक नोटिस में कहा कि इस साल अफगानिस्तान में संघर्ष लगातार जारी है। आतंकी हमले लगातार हो रहे हैं और सुरक्षा की स्थिति और नाजुक और जटिल होती जा रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक दूतावास ने चीनी नागरिकों से अधिक सतर्क रहने और अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों के माध्यम से देश से तत्काल प्रस्थान करने का आग्रह किया है। दरअसल चीन ने अमेरिका और नाटो सैनिकों की वापसी के नतीजों से निपटने के लिए पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों के साथ अपनी कूटनीति को आगे बढ़ाया है। वहीं दूसरी ओर अफगानिस्तान में हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं।
वहीं अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुलह-सफाई परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला का कहना है कि तालिबान 11 सितंबर को सैनिकों की वापसी के पहले अफगान सेना पर बढ़त बनाने की कोशिशें कर रहा है। अब्दुल्ला का कहना है कि अफगानिस्तान के पड़ोसियों को दखल देने से बचना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पड़ोसी मुल्कों को काबुल के साथ सहयोग करना चाहिए।
अफगान सुरक्षा बलों और तालिबानी आतंकवादियों के बीच भड़के इस संघर्ष ने अमेरिका की मध्यस्थता वाली शांति वार्ता को ताजा झटका दिया है। यही नहीं चीन ने अपने नागरिकों को यह चेतावनी ऐसे वक्त जारी की है जब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और वहां की राष्ट्रीय सुलह उच्च परिषद के अध्यक्ष डॉ अब्दुल्ला अब्दुल्ला से व्हाइट हाउस में मुलाकात करने वाले हैं।