उइगर मुस्लिमों के सफाए की साजिश रच रहा चीन, अमेरिकी थिंकटैंक की रिपोर्ट में ठोस सुबूत मिलने का दावा
इस रिपोर्ट को वाशिंगटन में न्यूजलाइन इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटजी एंड पॉलिसी थिंकटैंक ने जारी किया है । रिपोर्ट को तैयार करने में विश्वभर के पचास मानवाधिकार युद्ध अपराध और अंतरराष्ट्रीय नियमों के विशेषज्ञों ने योगदान दिया है ।
हांगकांग, एजेंसियां। चीन शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों का नरसंहार कर रहा है। उसकी योजना इस समुदाय का पूरी तरह से सफाया करने की है। अमेरिकी थिकटैंक ने नरसंहार करने के सुबुत मिलने का दावा करते हुए कहा है कि ड्रैगन यूएन जेनोसाइड कन्वेंशन के हर प्रविधान का उल्लंघन कर रहा है। रिपोर्ट में चीन पर कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
इस रिपोर्ट को वाशिंगटन में न्यूजलाइन इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटजी एंड पॉलिसी थिंकटैंक ने जारी किया है। रिपोर्ट को तैयार करने में विश्वभर के पचास मानवाधिकार, युद्ध अपराध और अंतरराष्ट्रीय नियमों के विशेषज्ञों ने योगदान दिया है।
शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार के बारे में यह पहली गैर सरकारी स्वतंत्र विधिक रिपोर्ट है, जिसमें बीजिंग इन अपराधों के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
चीन के इन डिटेंशन सेंटरों में बीस लाख से ज्यादा उइगर मुस्लिम
ज्ञात हो कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार चीन के इन डिटेंशन सेंटरों में बीस लाख से ज्यादा उइगर व अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं। इन डिटेंशन सेंटरों में पूर्व में रहने वाले लोगों ने अत्याचार का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि यहां लोगों का ब्रेनवाश किया जाता है, यौन शोषण के साथ ही नसबंदी तक की जा रही है। चीन इन आरोपों से इन्कार करता रहा है। कहता है कि डिटेंशन सेंटर धार्मिक उग्रवाद और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए जरूरी हैं।
रिपोर्ट के सह लेखक और न्यूज लाइन के डायरेक्टर ऑफ स्पेशल इनीशिएटिव अजीम इब्राहीम ने कहा है कि शिनजियांग में नरसंहार को साबित करने के लिए तमाम सुबूत हैं। विश्व की यह बड़ी शक्ति नरसंहार का जनक बनी हुई है। ऐसी स्थिति में चीन के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के जेनोसाइड कन्वेंशन के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए।
ज्ञात हो कि 1948 में संयुक्त राष्ट्र की साधारण सभा ने जेनोसाइड कन्वेंशन को स्वीकृत किया था। इस पर चीन सहित 151 देशों ने हस्ताक्षर किए थे।
वर्ल्ड उइगर कांफ्रेंस की चीन पर प्रतिबंध लगाने की मांग
हांगकांग की मानवाधिकार निगरानी संस्था के सह संस्थापक और वर्ल्ड उइगर कांग्रेस के सलाहकार बेनेडिक्ट रोजर्स ने कहा है कि उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार के लिए चीन पर बेहद कड़े प्रतिबंध लगाना अब जरूरी हो गया है। ब्रसेल्स प्रेस क्लब के वर्चुअल कार्यक्रम में बेनेडिक्ट ने कहा कि चीन में मानवाधिकारों के लिए सबसे बड़ी दिक्कत वहां की कम्युनिस्ट पार्टी है। अब इस देश के नागरिकों के अधिकारों को बहाल किया जाना चाहिए।