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चीन के लूनर लैंडर 'चांग ई 5' को चंद्रमा की सतह पर मिट्टी और चट्टान में मिला पानी

चीन के चांग ई 5 लूनर लैंडर को चांद की सतह पर पानी होने के साक्ष्य मिले हैं। चंद्रमा पर यान के उतरने के स्थान पर मिट्टी और चट्टान में पानी मिला है। हालांकि इसकी मात्रा बेहद कम है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 09 Jan 2022 10:33 PM (IST)Updated: Sun, 09 Jan 2022 10:33 PM (IST)
चीन के लूनर लैंडर 'चांग ई 5' को चंद्रमा की सतह पर मिट्टी और चट्टान में मिला पानी
चीन के चांग ई 5 लूनर लैंडर को चांद की सतह पर पानी होने के साक्ष्य मिले हैं। फोटो- एएफपी

बीजिंग, प्रेट्र। चीन के चांग ई 5 लूनर लैंडर को चांद की सतह पर पानी होने के साक्ष्य मिले हैं। चंद्रमा पर यान के उतरने के स्थान पर मिट्टी और चट्टान में पानी मिला है। हालांकि, इसकी मात्रा बेहद कम है। विज्ञान पत्रिका साइंस एडवांसेज में शनिवार को प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि मिट्टी में पानी की मात्रा 120 ग्राम प्रति टन, जबकि चट्टान पर 180 ग्राम प्रति टन से कम है। यानी यह स्थान पृथ्वी की तुलना में बहुत ज्यादा शुष्क है।

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गैसों के अवशोषित होने से सूख गया था चांद

पहले के परीक्षणों में भी चांद पर पानी की मौजूदगी की पुष्टि हुई हैं, पर इस यान ने मिट्टी व चट्टान में पानी होने का पता लगाया है। शोधकर्ताओं का कहना है, चंद्रमा की मिट्टी में मिलने वाली आर्द्रता में सबसे अधिक योगदान सौर हवाओं का है, क्योंकि उसमें हाइड्रोजन के तत्व से पानी बनता है। दावा किया गया है कि चंद्रमा एक निश्चित अवधि के भीतर सूख गया था और इसकी वजह सतह से नीचे मौजूद भंडार से गैसों का अवशोषित होना था। चीनी विज्ञान अकादमी (सीएएस) के शोधकर्ताओं के हवाले से बताया कि पानी की मात्रा का अनुमान लगाया जा सकता है क्योंकि पानी के अणु या हाइड्राक्सिल लगभग तीन माइक्रोमीटर की आवृत्ति पर अवशोषित होते हैं।

शोधकर्ताओं के अनुसार, चट्टान में अतिरिक्त 60 ग्राम प्रति टन पानी चंद्रमा के आंतरिक भाग से उत्पन्न हो सकता है। इसलिए चंद्रमा लैंडर द्वारा उठाए जाने वाले लैंडिंग साइट पर निकाले जाने से पहले चट्टान को एक पुरानी, अधिक आर्द्र बेसाल्टिक इकाई से ओलावृष्टि का अनुमान है।

चंद्रमा की सतह पर लिए वजन के नमूने

चांग ई -5 अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर मध्य उच्च अक्षांश पर स्थित सबसे कम उम्र के घोड़ी बेसल में से एक पर उतरा। इसने मौके पर ही पानी नापा और 1,731 ग्राम के वजन के नमूने लिए। सीएएस के तहत भूविज्ञान और भूभौतिकी संस्थान के एक शोधकर्ता लिन होंगलेई ने बताया कि लौटे गए नमूने सतह और नीचे दोनों जगह दानों का मिश्रण हैं लेकिन सतह की जांच चंद्र सतह की सबसे बाहरी परत को माप सकती है।

लिन ने यह भी कहा कि पृथ्वी पर प्रामाणिक चंद्रमा की सतह की स्थिति का अनुकरण करना चुनौतीपूर्ण है। अध्ययन के अनुसार, चंद्रमा से लौटे चांग ई 5 क नमूनों के प्रारंभिक विश्लेषण के अनुरूप हैं। चीन के चांग ई-6 और चांग ए -7 मिशनों के लिए अधिक सुराग और निष्कर्ष प्रदान करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चंद्रमा पर जल भंडार की जांच सुर्खियों में आती है क्योंकि अगले दशकों में मानवयुक्त चंद्र स्टेशनों का निर्माण पाइपलाइन में है।


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