Move to Jagran APP

अतिक्रमण के खिलाफ नेपाल में विरोध प्रदर्शनों पर चीन बोला- अपनी जमीन पर किया निर्माण, बैकफुट पर ओली सरकार

नेपाल के हुमला जिले में कथित अतिक्रमण के खिलाफ देश के सिविल सोसाइटी समूहों के विरोध प्रदर्शनों से घबराए चीन ने ऐसी रिपोर्टों को खारिज कर दिया है। उसने कहा कि इमारतें चीन की सीमा के अंदर बनाई गई हैं। वहीं नेपाल सरकार भी बैकफुट पर आ गई है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 06:05 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 06:05 AM (IST)
अतिक्रमण के खिलाफ नेपाल में विरोध प्रदर्शनों पर चीन बोला- अपनी जमीन पर किया निर्माण, बैकफुट पर ओली सरकार
अतिक्रमण के खिलाफ नेपाल में विरोध प्रदर्शनों पर सरकार ने सफाई दी है...

काठमांडू, एजेंसियां। नेपाल के हुमला जिले में चीन द्वारा कथित रूप से इमारतों का निर्माण करने के खिलाफ देश के सिविल सोसाइटी समूहों के विरोध प्रदर्शनों पर चीन ने ऐसी रिपोर्टों को खारिज करते हुए कब्‍जे की घटना से इनकार किया है। नेपाल में चीनी दूतावास ने अतिक्रमण संबंधी रिपोर्टों का खंडन किया। उसने कहा कि इमारतें चीन की सीमा के अंदर बनाई गई हैं। चीन और नेपाल के बीच कोई भौगोलिक विवाद नहीं है। वहीं, नेपाल के विदेश मंत्री ने भी सफाई देते हुए कहा है कि उनके देश का चीन के साथ कोई सीमा विवाद नहीं है और न ही चीन ने उनके देश की जमीन पर कब्जा किया है।

loksabha election banner

नेपाल के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि देश के सर्वेक्षण विभाग के आधिकारिक रिकॉर्ड में पाया गया है कि उक्त इमारतें नेपाली क्षेत्र में स्थित नहीं हैं। दरअसल, पिछले हफ्ते स्‍थानीय मीडिया रिपो‌र्टों में कहा गया था कि चीन ने तिब्बत से लगे हुमला जिले में नेपाली जमीन पर कथित रूप से नौ इमारतों का निर्माण कर लिया है। इन इमारतों के हुमला जिले के लंपचा बागर इलाके (Lapcha Bagar area) में बनाए जाने का दावा किया गया था। इन रिपोर्टों के सामने आने के बाद नेपाल के लोगों में चीन को लेकर आक्रोश पैदा हो गया था।

नेपाल के एक सिविल सोसायटी समूह ने बुधवार को हुमला जिले में चीन द्वारा कथित रूप से इमारतें बनाने के खिलाफ प्रदर्शन किया। समूह के कार्यकर्ताओं ने 'नेपाल की जमीन वापस लौटाओ' और 'चीन का विस्तारवाद बंद करो' जैसे नारे लगाए। काठमांडू में चीनी दूतावास के सामने भी विरोध प्रदर्शन हुए। अब ऐसी रिपोर्टें आई हैं कि नेपाल-चीन सीमा का निर्धारण करने वाला पिलर नंबर-11 ही गायब हो गया है। इन खबरों के सामने आने बाद नेपाल की केपी शर्मा ओली की सरकार पूरी तरह बैकफुट पर आ गई है।

इस बीच हुमला से सांसद चक्का बहादुर लामा ने कहा कि जब तक दोनों पक्ष नदारद पिलर का पता नहीं लगा लेते तब तक विवाद जारी रहेगा। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने अखबार 'माय रिपब्लिका' की रिपोर्ट का हवाला दिया है। इसमें कहा गया है कि मंगलवार को मुख्य जिला अधिकारी के नेतृत्व में नेपाल का एक प्रतिनिधिमंडल चीनी अधिकारियों से बात करने उस इलाके में गया लेकिन चीनी अधिकारियों ने यह कहते हुए उन्हें लौटा दिया कि यह जमीन चीन की है। वहीं चीन सरकार की ओर से भी दावा किया जा रहा है कि उसने सीमा पर अपनी ओर इमारतों का निर्माण किया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.