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Burkina Faso twin attacks: चार सैनिकों और एक पुलिस अधिकारी की मौत, 11 अन्य घायल

Burkina Faso twin attacks बुर्किना फासो में शनिवार को अज्ञात हमलावरों द्वारा किए गए ट्विन अटैक में चार सैनिकों और एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई। 11 अन्य घायल हो गए।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 08:56 AM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 10:13 AM (IST)
Burkina Faso twin attacks: चार सैनिकों और एक पुलिस अधिकारी की मौत, 11 अन्य घायल
Burkina Faso twin attacks: चार सैनिकों और एक पुलिस अधिकारी की मौत, 11 अन्य घायल

ओआगादोगोउ, एएनआइ। Burkina Faso twin attacks, बुर्किना फासो में शनिवार को अज्ञात हमलावरों द्वारा किए गए ट्विन अटैक में चार सैनिकों और एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई। 11 अन्य घायल हो गए। देश की सेना ने इसकी जानकारी दी। सेना ने  कहा, लोरम और यतेंग प्रांतों में स्थित बान और येंस इलाकों में सैन्य इकाइयों को लगभग स्थानीय समयानुसार सुबह 3:00 बजे इन हमलों में निशाना बनाया गया।

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बता दें कि 2015 से, बुर्किना फासो आतंकवादी हमलों का सामना कर रहा है। इस दौरान 500 से अधिक लोग मारे गए और 2,80,000 से अधिक विस्थापित हुए जिनमें 9,000 से अधिक छात्र शामिल थे।पश्चिम अफ्रीकी देश में इससे एक हफ्ते पहले एक मस्जिद में घातक हमला हुआ था, जिसमें 15 लोगों की जान चली गई थी।

पिछले महीने मस्जिद में गोलीबारी

यह हमला उत्तरी प्रांत ओडलान के सलामोसी गांव में शुक्रवार शाम को नमाज के दौरान हुआ था। इस दौरान अज्ञात बंदूकधारियों ने ग्रैंड मस्जिद के अंदर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस अशांत देश में अंसारुल इस्लाम ग्रुप, इस्लामिक स्टेट, ग्रुप टु सपोर्ट इस्लाम एंड मुस्लिम औरजैसे आतंकी संगठनों लगातार आतंकी हमलों को अंजाम देते रहते हैं। 

सोने की एक खदान स्थल पर आतंकी हमला 

12 अक्टूबर से पहले 6 अक्टूबर को उत्तरी बुर्किना फासो के सोने की एक खदान स्थल पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें लगभग 20 लोगों की मौत हो गई थी। यह हमला सोम प्रांत में हुआ था, जहां पिछले ही महीने दहशतगर्दों ने एक पुल को उड़ा दिया था। यह पुल देश के दो उत्तरी शहरों को जोड़ता था।  

रक्षा और सुरक्षा बल की स्थिति अच्छी नहीं

देश के नागरिक समाज समूह के अनुसार यह लगभग रोज हमले होते रहते हैं। बुर्किना की रक्षा और सुरक्षा बल की स्थिति अच्छी नहीं है, उन्हें ऐसे प्रशिक्षित नहीं किया जाता कि वे इन हालातों से निपट सके। इसी वजह से बढ़ती हिंसा को रोकने में देश सक्षम नहीं है। 


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