ब्रिटेन और ईयू के रिश्तों में आया तनाव, खटाई में पड़ी व्यापार संधि, लंदन में आपात बैठक रही बेनतीजा
व्यापार संधि को दरकिनार कर ब्रेक्जिट को अमलीजामा पहनाने की ब्रिटेन की मंशा से यूरोपीय यूनियन के साथ उसके रिश्ते तल्ख हो गए हैं। पढ़ें यह रिपोर्ट...
लंदन, एजेंसियां। व्यापार संधि को दरकिनार कर ब्रेक्जिट को अमलीजामा पहनाने की ब्रिटेन की मंशा से यूरोपीय यूनियन के साथ उसके सदियों पुराने रिश्ते में तनाव पैदा हो गया है। साथ ही यूरोपीय यूनियन और ब्रिटेन की व्यापार संधि जारी रहने की संभावना भी खटाई में पड़ गई है। हालात पर काबू पाने के लिए दोनों पक्षों के अधिकारियों ने लंदन में आपात बैठक की लेकिन गतिरोध खत्म नहीं हुआ।
कानून के उल्लंघन की मंशा स्वीकार्य नहीं
यूरोपीय यूनियन (ईयू) के काउंसिल प्रेसिडेंट चार्ल्स मिशेल ने कहा है कि ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन की मंशा स्वीकार्य नहीं है। भरोसा टूटने पर हम भविष्य में कैसे कोई समझौता कर पाएंगे ? ईयू से अलगाव (ब्रेक्जिट) के लिए पूर्व में किए समझौते को धता बताकर ब्रिटेन अब आगे बढ़ना चाह रहा है। ब्रिटेन अब पूर्व समझौते के अनुसार ईयू के साथ व्यापार समझौता नहीं करना चाह रहा।
हरकत में बोरिस जॉनसन सरकार
इसके लिए बोरिस जॉनसन सरकार ने संसद में विधेयक पेश करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके जरिये ब्रिटेन ईयू के साथ पूर्व में हुए ब्रेक्जिट समझौते के प्रावधानों को निष्प्रभावी कर देगा। ब्रिटेन का कहना है कि वार्ता की टेबल पर ईयू उस पर भेदभावपूर्ण समझौता करने के लिए दबाव डाल रहा है, जो उसका भारी नुकसान कर देगा। इसलिए 15 अक्टूबर तक कोई समझौता न होने पर वह अकेले ही आगे बढ़ेगा।
नियमों को दरकिनार कर समझौता नहीं
ईयू नेताओं ने साफ कर दिया है कि ब्रिटेन अगर अंतरराष्ट्रीय नियमों को दरकिनार कर व्यापार समझौता नहीं करता है, तो अन्य क्षेत्रों में उसके साथ हो रही वार्ता और समझौतों पर भी इसका असर पड़ेगा। ईयू की संसद के प्रमुख डानूटा ह्यूबनर ने कहा है कि ब्रिटेन के ऐसे किसी कदम से हमारे बीच का भरोसा खत्म होगा। क्योंकि यह महज कुछ महीने के भीतर अपने वचन से पीछे हटने का कदम होगा। इस तरह के कदम को हम स्वीकार नहीं करेंगे।
शांति पर पड़ेगा विपरीत असर
यूरोपियन यूनियन की संसद के प्रमुख डानूटा ह्यूबनर ने चेतावनी दी है कि व्यापार समझौते को खत्म करने से आयरलैंड की शांति और संपन्नता पर विपरीत असर पड़ेगा। ब्रिटेन और आयरलैंड यूनाइटेड किंगडम का हिस्सा हैं। 31 जनवरी को ब्रिटेन के साथ आयरलैंड भी ईयू से अलग हुआ था।