ब्रेक्जिट पर पंगा: उत्तरी आयरलैंड के मसले पर ईयू ने ब्रिटेन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की
उत्तरी आयरलैंड के मसले पर यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने सोमवार को ब्रिटेन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी। ईयू के ब्रसेल्स स्थित मुख्यालय ने कहा है कि 2020 में हुए ब्रेक्जिट (अलगाव) समझौते को ब्रिटेन द्वारा तोड़े जाने के कारण उसे कानूनी कदम उठाना पड़ा है।
ब्रसेल्स, रायटर। उत्तरी आयरलैंड के मसले पर यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने सोमवार को ब्रिटेन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी। ईयू के ब्रसेल्स स्थित मुख्यालय ने कहा है कि 2020 में हुए ब्रेक्जिट (अलगाव) समझौते को ब्रिटेन द्वारा तोड़े जाने के कारण उसे कानूनी कदम उठाना पड़ा है। ईयू ने प्रक्रिया के अनुसार ब्रिटेन को नोटिस भेज दिया है।
ब्रिटेन के ईयू से अलगाव के लिए हुए समझौते में उत्तरी आयरलैंड को लेकर विशेष प्रविधान
ब्रिटेन के ईयू से अलगाव के लिए हुए समझौते में उत्तरी आयरलैंड को लेकर विशेष प्रविधान हैं। यहां पर आने वाले ईयू के माल को लेकर कुछ रियायतों का प्रविधान है, लेकिन ब्रिटेन अब उन प्रविधानों को मानने से इन्कार कर रहा है। आयरलैंड पर ब्रिटेन का शासन है।
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा- ब्रिटेन ने समझौते को नहीं तोड़ा
ब्रिटेन ने जवाब में कहा है कि उसने समझौते को नहीं तोड़ा है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि समझौते को मार्च से आगे बढ़ाना एक तकनीक मसला है। इसको आसानी से हल कर लिया जाएगा।
ब्रेक्जिट से बदली तस्वीर: निवेश के लिहाज से चौथा देश बना ब्रिटेन, पांचवें स्थान पर पहुंचा भारत
यूरोप से अलग होने यानी ब्रेक्जिट का ब्रिटेन को बड़ा लाभ मिला है। अब ब्रिटेन पूरी दुनिया में निवेश के लिहाज से चौथा पसंदीदा देश बन गया है। भारत को पछाड़कर ब्रिटेन ने यह स्थान हासिल किया है। प्राइसवाटरहाउसकूपर्स (PwC) की ओर से दुनियाभर की 5000 से ज्यादा कंपनियों के CEO पर किए गए सर्वे के आधार जारी रिपोर्ट में यह बात कही है।
भारत पांचवें स्थान पर पहुंचा
PwC की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे पसंदीदा पहले तीन देशों के स्थान में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। पहले स्थान पर अमेरिका काबिज है। इसके बाद चीन दूसरे और जर्मनी तीसरे स्थान पर है। ब्रिटेन ने भारत को पछाड़कर चौथा स्थान हासिल किया है। अब भारत पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। इससे पहले भारत चौथे और ब्रिटेन पांचवें नंबर पर थे।
अलग देश बनने से बढ़ा आकर्षण
PwC के चेयरमैन बॉब मॉरिट्ज का कहना है कि ब्रिटेन के अलग देश बनने के कारण निवेशक इसके प्रति आकर्षित हुए हैं। बॉब का कहना है कि अब अमेरिकी और जर्मन कंपनी भी ब्रिटेन में निवेश करने की इच्छुक हैं। ब्रिटेन औपचारिक रूप से 31 जनवरी 2020 को यूरोपियन यूनियन से अलग हो गया था। यूरोपियन यूनियन से अलग होने की प्रक्रिया 2016 से चल रही थी। लेकिन दोनों के बीच समझौता नहीं हो पा रहा था। यूरोपियन यूनियन और ब्रिटेन के बीच 24 दिसंबर को एक नया समझौता हुआ था जिस पर दोनों ने सहमति जताई थी।