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अजरबेजान ने दी आर्मेनिया के सैन्य ठिकानों पर हमले की चेतावनी, कहा- नागरिक ठिकानों को निशाना न बनाओ

अजरबेजान ने कहा है कि आर्मेनिया अब नागरिकों पर हमले कर रहा है। अजरबेजान ने चेतावनी दी है कि नागरिक ठिकानों पर हमले बंद नहीं हुए तो वह आर्मेनिया में मौजूद सैन्य ठिकानों पर हमले कर उन्हें बर्बाद कर देगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 08:53 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 01:36 AM (IST)
अजरबेजान ने दी आर्मेनिया के सैन्य ठिकानों पर हमले की चेतावनी, कहा- नागरिक ठिकानों को निशाना न बनाओ
अजरबेजान ने आर्मेनिया को उसके सैन्य ठिकानों पर हमले करने की चेतावनी दी है।

बाकू, रायटर। आर्मेनिया के साथ चल रही लड़ाई में अजरबेजान ने कहा है कि दुश्मन अब नागरिकों पर हमले कर रहा है। गांजा शहर में आर्मेनिया की ओर से हुए रॉकेट हमले में एक नागरिक की मौत हुई है जबकि चार घायल हुए हैं। अजरबेजान ने चेतावनी दी है कि नागरिक ठिकानों पर हमले बंद नहीं हुए तो वह आर्मेनिया में मौजूद सैन्य ठिकानों पर हमले कर उन्हें बर्बाद कर देगा। इस बीच अजरबेजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने ट्वीट कर कहा है कि उनकी सेनाओं ने नागोरनो-कराबाख इलाके के जबरैल कस्बे और कुछ गांवों पर कब्जा कर लिया है। आर्मेनिया ने इस दावे को गलत बताया है।

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सोवियत संघ का हिस्सा रहे दोनों देशों के बीच एक सप्ताह से संघर्ष चल रहा है। अजरबेजान के नागरिक ठिकानों पर हमले के ताजा दावे के बाद लड़ाई का दायरा फैलने की आशंका पैदा हो गई है। अभी तक लड़ाई का केंद्र अजरबेजान का नागोरनो-कराबाख इलाका बना हुआ है। यहां की बहुसंख्य आबादी आर्मेनियाई मूल के ईसाइयों की हैं जिन्हें मुस्लिम बहुल अजरबेजान पसंद नहीं करता। इसी के चलते सोवियत संघ टूटने के बाद अजरबेजान और आर्मेनिया के बीच लगातार तनातनी चल रही है।

अजरबेजान के राष्ट्रपति के सहायक हिकमत हाजीयेव ने कहा है कि अगर आर्मेनिया ने नागरिक ठिकानों पर हमले बंद नहीं किए तो आर्मेनिया के भीतर स्थित सैन्य ठिकानों पर हमले कर उन्हें तबाह कर दिया जाएगा। लेकिन आर्मेनिया ने नागरिक ठिकाने पर किसी हमले से इन्कार किया है। नागोरनो-कराबाख इलाके के नेता ने कहा है कि उनकी फौज ने गांजा के सैन्य एयरबेस को निशाना बनाया, न कि नागरिक ठिकानों को। इसी एयरबेस से नागोरनो-कराबाख पर बमबारी के लिए विमान उड़ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि अजरबेजान को तुर्की सैन्य समर्थन दे रहा है जबकि आर्मेनिया रूस का रणनीतिक साझीदार है। अगर लड़ाई का दायरा फैला तो वह भीषण युद्ध का रूप ले सकता है। 


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