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ऑस्ट्रेलियाई PM बोले- इंडो पैसिफिक इलाके में क्षेत्रीय दावों को लेकर बढ़ रहा तनाव, चीन को दी धमकी

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन(Scott Morrison) ने कहा है कि इंडो पैसिफिक इलाके में भौगोलिक दावों को लेकर तेजी से तनाव बढ़ रहा है। उन्होंने बिना चीन का नाम लिए उसे धमकी दी।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 01:31 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 01:53 PM (IST)
ऑस्ट्रेलियाई PM बोले- इंडो पैसिफिक इलाके में क्षेत्रीय दावों को लेकर बढ़ रहा तनाव, चीन को दी धमकी
ऑस्ट्रेलियाई PM बोले- इंडो पैसिफिक इलाके में क्षेत्रीय दावों को लेकर बढ़ रहा तनाव, चीन को दी धमकी

कैनबरा, एएनआइ। भारत-चीन में जारी तनाव के हालात के बीच ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने चीन का बिना नाम लिए उसे धमकी दी है। मॉरिसन ने चीन को धमकी भरे अंदाज में कहा है कि उनका ध्यान अब इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर केंद्रित होगा। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन(Scott Morrison) ने कहा है कि इंडो पैसिफिक इलाके में क्षेत्रीय दावों को लेकर तेजी से तनाव बढ़ रहा है और इसका ताजा उदाहरण भारत-चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख में हुई झड़प है। ऑस्ट्रेलिया के 2020 डिफेंस स्ट्रेटेजिक अपडेट की घोषणा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई पीएम मॉरिसन ने कहा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में क्षेत्रीय दावों को लेकर तनाव बढ़ रहा है, जैसा कि हमने हाल ही में भारत और चीन दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन के बीच विवादित सीमा पर देखा है।

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चीन के साथ तनाव बढ़ाने की धमकी !

प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन ने साथ ही कहा कि ऑस्ट्रेलिया अगले 10 सालों में रक्षा खर्च में 40% की वृद्धि करेगा, जो लंबी दूरी के सैन्य साजो सामान खरीदेगा जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर केंद्रित होगा। चीन के साथ तनाव बढ़ाने की धमकी देने वाले भाषण में मॉरिसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया अगले 10 सालों में हवाई, समुद्र और भूमि पर लंबी दूरी की क्षमताओं का अधिग्रहण करने के लिए 270 बिलियन डॉलर (186.5 बिलियन डॉलर) खर्च करेगा। 2016 में ऑस्ट्रेलिया ने अगले 10 वर्षों में 195 बिलियन डॉलर खर्च करने का वादा किया था। मॉरिसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया भी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपना ध्यान केंद्रित करेगा।

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को मुक्त कराना है लक्ष्य- मॉरिसन

मॉरिसन ने कैनबरा में एक भाषण में कहा कि हम इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को जबरदस्ती और आधिपत्य से मुक्त करना चाहते हैं। हम एक ऐसा क्षेत्र चाहते हैं, जहां सभी देश, बड़े और छोटे, एक-दूसरे के साथ स्वतंत्र रूप से जुड़ सकें और अंतरराष्ट्रीय नियमों और मानदंडों के अनुसार मार्गदर्शन कर सकें। हालाँकि मॉरिसन ने चीन का नाम नहीं लिया, लेकिन इंडो पैसिफिक क्षेत्र के प्रति ऑस्ट्रेलिया के मंसूबों को एक संकेत के रूप में देखा जाता है कि ऑस्ट्रेलिया, बीजिंग के साथ अपने व्यवहार में अधिक मुखर होने और अमेरिका पर कम निर्भर होने का इरादा रखता है।

ऑस्ट्रेलिया पीएम स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि यह सिर्फ चीन और अमेरिका नहीं है जो यह निर्धारित करेगा कि क्या हमारा क्षेत्र मुक्त और खुले व्यापार, निवेश और सहयोग के लिए खुला रहता है, जिसने स्थिरता और समृद्धि को बढ़ाया है, हमारे क्षेत्र को एक साथ बांधने वाले लोगों के लोगों से रिश्तों को जोड़ा है। 

मॉरिसन ने कहा कि भारत, जापान, कोरिया गणराज्य, दक्षिण-पूर्व एशिया के देश, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, वियतनाम और प्रशांत सभी के पास एजेंसी है, इसे बनाने के लिए विकल्प हैं। वह अपनी भूमिका निभा सकते हैं जैसा कि ऑस्ट्रेलिया। 

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र,पूरी दुनिया के लिए हमारे संबंध महत्वपूर्ण- PM मोदी

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही  भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल शिखर सम्मेलन(India-Australia Virtual Summit) के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के बीच बातचीत हुई थी। इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई और इसे आने वाले वक्त में और अधिक मजबूत करने पर जोर दिया गया था। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार आयोजित हो रहे 'भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल समिट' के दौरान कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, यह न केवल हमारे दो देशों के लिए बल्कि इंडो पैसफिक क्षेत्र और पूरी दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण है।


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