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माली में संयुक्त राष्ट्र मिशन के जवानों पर घातक हमला, 20 जवान घायल

माली में संयुक्त राष्ट्र मिशन के शांतिरक्षकों पर घातक हमले की खबर है। इस हमले में लगभग 20 जवान घायल हो गए हैं। यह हमला डौंटजा के पास स्थित केरेना में संयुक्त राष्ट्र के एक अस्थायी अड्डे पर हुआ।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 11 Feb 2021 10:37 AM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2021 10:37 AM (IST)
माली में संयुक्त राष्ट्र मिशन के जवानों पर घातक हमला, 20 जवान घायल
संयुक्त राष्ट्र मिशन के जवानों पर घातक हमला। (फाइल फोटो)

बमाको, आइएएनएस। माली में संयुक्त राष्ट्र मिशन के शांतिरक्षकों पर घातक हमले की खबर है। इसमें लगभग 20 जवान घायल हो गए हैं। यह हमला डौंटजा के पास स्थित केरेना में संयुक्त राष्ट्र के एक अस्थायी अड्डे पर हुआ।माली में संयुक्त राष्ट्र बहुआयामी एकीकृत स्थिरीकरण मिशन (MINUSMA)के प्रवक्ता ओलिवियर सालगाडो ने एक बयान में इसकी जानकारी दी। इस बीच, यूएन के अंडर-सेक्रेटरी जनरल फॉर पीस ऑपरेशंस जीन पियरे-लैक्रॉइक्स ने बताया कि घायल सैनिक टोंगोलिज दल के हैं। उन्होंने बुधवार रात को ट्विटर पर इसकी जानकारी दी। 

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जीन पियरे-लैक्रॉइक्स ने ट्वीट करके कहा कि हमले में घायल हुए टोंगोलिज सैनिक मेरे विचारों में हैं। क्षेत्र में आबादी की रक्षा के लिए इन सैनिकों का योगदान महत्वपूर्ण है। हमले के जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। MINUSMA के प्रमुख महातम सालेह अन्नादिफ ने शांति सैनिकों पर कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने  कहा कि घायलों को उचित उपचार सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किए गए। हमले की निंदा करते हुए, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के अध्यक्ष वोलकान बोजकिर ने कहा कि हमारे प्रतिबद्ध शांति सैनिक अपने काम को पूरे करते हुए  हमले के शिकार हो हैं। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। 

जनवरी में माली में पांच शांति सैनिकों ने अपनी जान गंवा दी, जहां 2012 में तख्तापलट के बाद से आतंकवादी हमले का खतरा बना रहता है। 2020 में ड्यूटी पर रहते हुए छह शांति सैनिकों की मौत हो गई थी। माली में राजनीतिक प्रक्रियाओं का समर्थन करने के लिए 2013 में MINUSMA को तैनात किया गया था। 2012 में एक असफल तख्तापलट के दौरान चरमपंथी मिलिशिया ने माली के उत्तरी क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था। सरकार और विभिन्न विद्रोही समूहों के बीच 2015 में संयुक्त राष्ट्र समर्थित शांति समझौता देश के मध्य और उत्तरी क्षेत्रों में स्थिति को स्थिर करने में विफल रहा।


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