ओमान की खाड़ी में तेल से भरे टैंकरों पर फिर हमला, दिखी आग की ऊंची लपटें
जहाजों पर कैसे हमला किया गया या कौन जिम्मेदार था इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
दोहा, आइएएनएस। ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकरों पर गुरुवार को एक संदिग्ध हमले की खबर है। हालांकि, इसमें से सभी चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित निकाल लिया गया। बता दें कि इन टैंकरों पर उसी क्षेत्र में हमला किया गया, जहां पिछले हफ्ते और चार अन्य तेल जहाजों पर हमला किया गया था। वहीं, इसे लेकर जब अमेरिका ने ईरान पर आरोप लगाए थे।
बताया गया कि ये दोनों टैंकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबू धाबी के बंदरगाह से रवाना हुए थे। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान और ओमान के बंदरगाहों को तेल टैंकरों द्वारा संकटभरे कॉल प्राप्त हुए थे।
जहाजों में से एक नॉर्वे के स्वामित्व वाला फ्रंट अल्टेयर था। नॉर्वे की शिपिंग कंपनी फ्रंटलाइन ने पुष्टि की कि ओमान की खाड़ी में एक घटना के बाद उसके तेल टैंकर में आग लग गई थी। यह नॉर्वे के अखबार वीजी ने बताया। 2016 में बने इस जहाज को मंगलवार देर रात रुवैस के इमरती बंदरगाह से रवाना किया था और 30 जून को काऊशुंग के ताइवान के बंदरगाह पर आने के लिए निर्धारित किया गया था। बताया गया कि यात्रा शुरू करने से पहले जहाज पूरी तरह से भरा हुआ था।
वहीं, दूसरे पोत की पहचान कोकुका करेजियस(जिसपर पानामा के झंड़े लगे हुए थे) के रूप में की गई। हालांकि, जहाजों पर कैसे हमला किया गया या कौन जिम्मेदार था, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
आधिकारिक आईआरएनए समाचार एजेंसी ने बताया कि ईरानी नौसेना ने गुरुवार को ओमान के सागर में दुर्घटना के बाद दो टैंकरों से 44 चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।
बता दें कि पिछले महीने भी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के जलक्षेत्र में चार तेल टैंकरों पर हमला किया गया था। हालांकि इसे साजिश के तहत बताया गया। हमले से प्रभावित देश यूएई, नॉर्वे और सऊदी अरब ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को सौंपते हुए अपनी जांच रिपोर्ट में यह बात कही थी।
पिछले महीने 12 मई को यूएई के फुजैरा बंदरगाह से कुछ दूर समुद्र में खड़े चार तैल टैंकरों पर हमले किए गए थे। इसमें दो टैंकर सऊदी अरब के थे। अमेरिका ने इन हमलों के पीछे ईरान का हाथ होने की आशंका जताई थी
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