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आसियान के विदेश मंत्रियों ने म्यांमार की सेना से की अपदस्थ नेता आंग सान सू को रिहा करने की अपील

आसियान देशों के विदेश मंत्रियों ने म्यांमार की सेना से अपदस्थ नेता आंग सान सू को रिहा करने और विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की अपील की है। प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए सेना सीधी फायरिंग का विकल्प अपना रही है

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 10:53 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 02:05 AM (IST)
आसियान के विदेश मंत्रियों ने म्यांमार की सेना से की अपदस्थ नेता आंग सान सू को रिहा करने की अपील
इंडोनेशिया के विदेश मंत्री ने सेना से वार्ता के लिए दरवाजे खोलने की अपील की।

नेपिता, एजेंसी। आसियान देशों के विदेश मंत्रियों ने म्यांमार की सेना से अपदस्थ नेता आंग सान सू को रिहा करने और विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की अपील की है। आसियान के सदस्य देशों की तरफ से यह अपील ऐसे समय की गई है जब प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए सेना सीधी फायरिंग का विकल्प अपना रही है।

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इंडोनेशिया के विदेश मंत्री ने सेना से वार्ता के लिए दरवाजे खोलने की अपील की 

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हो रहे इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए इंडोनेशिया के विदेश मंत्री ने क्षेत्रीय रणनीतिक प्रयासों पर जोर देने की अपील। साथ ही बातचीत के लिए सेना से अपने दरवाजे खोलने का आह्वान किया।

विदेश मंत्री रेटनो मरसुदी ने कहा- म्यांमार के लोगों के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए

जकार्ता में मीडिया से बात करते हुए विदेश मंत्री रेटनो मरसुदी ने राजनीतिक नेताओं को छोड़ने और लोकतंत्र की दोबारा बहाली की अपील की है। उन्होंने कहा कि म्यांमार के लोगों के फैसले का हर हाल में सम्मान किया जाना चाहिए। आसियान में म्यांमार, सिंगापुर, फिलीपींस, इंडोनेशिया, थाइलैंड, लाओस, कंबोडिया, मलेशिया, ब्रुनेई और वियतनाम शामिल हैं।

सिंगापुर के विदेश मंत्री ने कहा- सैन्य जनरल को वार्ता के लिए करेंगे प्रोत्साहित

उधर, सम्मेलन शुरू होने से पहले सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन ने कहा कि आसियान म्यांमार के प्रतिनिधि को यह बताएंगे कि सदस्य देश हिंसा से आक्रोशित हैं। इसके अलावा वह सैन्य जनरल को बातचीत के लिए भी प्रोत्साहित करेगा।

फिलीपींस के विदेश मंत्री ने कहा- किसी को कुछ भी करने की आजादी नहीं

फिलीपींस के विदेश मंत्री ने कहा कि आसियान की नीति एक-दूसरे के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की रही है, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि किसी को कुछ भी करने की आजादी दे दी जाए।

प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने फिर की सीधी फायरिंग 

म्यांमार में तख्ता पलट के खिलाफ मंगलवार को भी लोकतंत्र समर्थक सड़कों पर उतरे। पुलिस ने यंगून में जहां लोगों को तितर-बितर करने के लिए स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया वहीं उत्तर-पश्चिमी शहर काले में प्रदर्शनकारियों पर सीधी फायरिंग की गई। यहां पर चार लोगों के घायल होने के बारे में पता चला है।

तख्तापलट के बाद म्यांमार में विरोध-प्रदर्शनों का दौर जारी, 21 की मौत

एक फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद पूरे देश में विरोध-प्रदर्शनों का दौर जारी है। अब तक हुए प्रदर्शन में 21 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं सेना ने एक पुलिसकर्मी की मौत होने की बात कही है।

अमेरिका ने म्यांमार की सेना को दी चेतावनी

अमेरिका ने एक बार फिर म्यांमार की सेना को चेतावनी दी है। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अगर सुरक्षा बल निहत्थे लोगों को मारते हैं और पत्रकारों व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर हमला करते हैं तो वह क़़डी कार्रवाई करेगा।

सेना ने तख्तापलट को सही ठहराया 

सेना ने तख्तापलट को सही ठहराते हुए कहा कि नवंबर में हुए चुनाव में धांधली हुई थी। उसने इसकी शिकायत भी की थी, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। वहीं निर्वाचन आयोग का कहना है कि चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष हुए थे और आंग सान सू की पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की थी।

अमेरिकी राजदूत ने अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने की वकालत की

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की नई राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से म्यांमार की सेना पर दबाव बढ़ाने और लोकतंत्र बहाल करने की अपील की है। गत गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र पहुंचीं लिंडा ने राष्ट्रपति जो बाइडन के उस संकल्प को एक बार फिर दोहराया, जिसमें उन्होंने अमेरिका को फिर से नेतृत्व करने वाला राष्ट्र बनाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन इस बात से निराश है कि ईरान ने अपनी परमाणु सुविधाओं के अंतरराष्ट्रीय निरीक्षण को प्रतिबंधित करना शुरू कर दिया था।


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