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मियामी में उतरा 'सिम्फनी ऑफ द सीज' क्रूज, इस क्रूज की सुविधाएं दिल खुश कर देंगी

इस क्रूज जहाज में टाइटैनिक से चार गुना ज्यादा यात्री सवार कर सकते हैं और जहां टाइटैनिक की लंबाई सिर्फ 883 फीट थी वहीं यह नया क्रूज करीब 1190 फीट लंबा है।

By Digpal SinghEdited By: Published: Fri, 30 Mar 2018 12:22 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 08:35 PM (IST)
मियामी में उतरा 'सिम्फनी ऑफ द सीज' क्रूज, इस क्रूज की सुविधाएं दिल खुश कर देंगी
मियामी में उतरा 'सिम्फनी ऑफ द सीज' क्रूज, इस क्रूज की सुविधाएं दिल खुश कर देंगी

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। इंसानी चाहत का कोई आसमान नहीं होता। धरती पर एक से बढ़कर एक शाहकार रच चुका इंसान अब अंतरिक्ष में भी कदम बढ़ा रहा है। लेकिन धरती पर ही समुद्र एक ऐसी जगह है, जो इंसान को अक्सर अपनी ओर आकर्षित करता है। समुद्र की लहरों को काबू करने और उस पर अपने अरमानों के रंग बिखरने के सपने को पूरा करने की कोशिश इंसान हमेशा करता रहता है। इसी एक कोशिश का नाम है 'सिंफनी ऑफ द सीज'।

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विश्‍व का सबसे बड़ा क्रूज का जहाज की शुरुआत अमेरिका में हो रही है। मियामी में इस भारी भरकम जलयान को तैयार किया गया है। नवीनतम रॉयल कैरेबियन यात्री जहाज 'सिम्फनी ऑफ द सीज' की लागत 1.35 बिलियन डॉलर है। इस जहाज में 18 डेक, 22 रेस्तरां और 6,680 मेहमानों को समायोजित करने के लिए कमरे है।

क्रूज को रात में मियामी के बंदरगाह में टर्मिनल ए पर उतारा गया, जिसमें चमकदार प्रकाश का प्रदर्शन किया गया। इसकी सबसे ऊपरी डेक में घुमावदार स्‍लाइड रोशनी के साथ वाटर पार्क दिखाई दे रहा है। शुक्रवार रात को जहाज के आगमन पर जीवंत आतिशबाजी का प्रदर्शन किया गया। यह आतिशबाजी मैक्सिको की चार रात की यात्रा पर जाने से पहले हुआ। रॉयल कैरेबियन के बेड़े में 'सिम्‍फनी ऑफ द सीज' 25 वां जहाज है। 

हर मायने में खास है यह क्रूज


‘सिंफनी ऑफ द सीज’ दुनिया का सबसे बड़ा क्रूज शिप है और यह 31 मार्च को लांच हुआ। यह जहाज इतना विशाल है कि समुद्र पर चलते-फिरते शहर जैसा नजर आता है। अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित रॉयल कैरेबियन क्रूज लाइन कंपनी के इस जहाज में आठ हजार लोग आराम से सफर कर सकते हैं।

फ्रांस में निर्माण
इस आलीशान क्रूज शिप को फ्रांस के सेंट नजैर शहर में एक शिपयार्ड में बनाया गया है। यह रॉयल कैरेबियन जहाज कंपनी का 25वां क्रूज है।

जहाज में एक आलीशान फैमिली सुइट है जो दो फ्लोर को मिलाकर बनाया गया है। 1,346 वर्ग फीट के क्षेत्रफल वाले इस कमरे में सीढ़ियों के अलावा स्लाइड भी लगी हैं। इसमें आठ लोग रह सकेंगे। हर किसी को निजी बटलर दिया जाएगा। मनोरंजन के लिए एयर हॉकी टेबल, पिंग पोंग टेबल, 85 इंच स्क्रीन वाला निजी सिनेमाघर, वीडियो गेम लाइब्रेरी, हॉट टब और लाउंज भी हैं।

‘सिंफनी ऑफ द सीज’ में कुल छह बार होंगे। जिसमें से एक में रोबोट ड्रिंक्स परोसेंगे। क्रूज में थिएटर भी है जहां ब्रॉडवे स्टाइल में नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे। कसीनो और शॉपिंग के लिए मॉल भी होगा।

जहाज में एक 8 डेक, कृत्रिम सर्फ सिम्युलेटर, जिप वायर, आइस रिंक, छोटा गोल्फ कोर्स, चढ़ाई करने के लिए दीवारें और एक विशाल बास्केटबॉल कोर्ट है।

बच्चों के लिए प्लेग्राउंड को समुद्री थीम दी गई है। इसमें समुद्र के किनारे मिलने वाले रेत के किले, छोटी नौकाएं, लाइट हाउस, शंख और सीपियों के विशालकाय नमूने रखे गए हैं।

टाइटैनिक भी समुद्र पर राज करने निकला था
आज से करीब 106 साल पहले टाइटैनिक नाम का एक क्रूज समुद्र की लहरों पर राज करने निकला था। 15 अप्रैल 1912 की उस काली रात को अटलांटिक सागर के सीने को चीरता हुआ टाइटैनिक न्यूयॉर्क की ओर बढ़ रहा था। लेकिन रात करीब 11.40 बजे वह एक आइसबर्ग से टकरा गया। रात के 2.20 बजे टाइटैनिक पूरी तरह से डूब गया। कुछ लोगों के लिए यह उनके जीवन की अंतिम घड़ियां थीं। कुछ ही किस्मत वाले अगले दिन का सूरज देख पाए।

टाइटैनिक की कुछ खास बातें
टाइटैनिक उस वक्त का सबसे बड़ा और लग्जुरियस समुद्री जहाज था। उस पर 2200 यात्री और क्रू सदस्य सवार थे। टाइटैनिक समुद्र में चलता-फिरता एक पूरा शहर था और लोगों का तो यहां तक मानना था कि यह कभी नहीं डूबेगा, लेकिन विडंबना देखिए यह अपनी पहली यात्रा भी पूरी नहीं कर पाया।

टाइटैनिक की लंबाई 883 फीट थी और यह 16 कंपार्टमेंट में बंटा हुआ था। माना जाता था कि यह कंपार्टमेंट वाटर टाइट हैं और इनमें पानी नहीं घुस सकता। टाइटैनिक में सफर करने वाले करीब 700 लोग ही बच पाए थे, जिनमें से ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। बाकी 1500 लोगों की अटलांटिक सागर में डूबने से मौत हो गई थी।

1985 में समुद्र के अंदर खोजा गया टाइटैनिक


टाइटैनिक के डूबने के करीब एक घंटे 20 मिनट बाद कारपैथिया नाम का एक अन्य जहाज यहां से गुजरा, जिसने नावों पर सवार टाइटैनिक से बचे यात्रियों को सुरक्षित जमीन तक पहुंचाया। 1 सितंबर 1985 को अमेरिका और फ्रांस के एक एक्सपेडिशन ने 13000 फीट की गहराई में टाइटैनिक के अवशेष खोज निकाले थे।


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